नयी दिल्ली.... दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए पीड़ितों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने की नीति को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके अंतर्गत 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए पीड़ितों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने की नीति को मंजूरी दी गई। दिल्ली सरकार का यह महत्वपूर्ण निर्णय न केवल सरकार की संवेदनशीलता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि उन पीड़ित परिवारों के लिए राहत और सम्मान का प्रतीक है, जो चार दशकों से अधिक समय से न्याय और आर्थिक पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार की यह नई नीति वर्ष 2007 में लिए गए मंत्रिमंडलीय निर्णय के बाद से लंबित पड़े रोजगार सहायता मामलों को शीघ्रता से निपटाने की दिशा में एक ठोस पहल है। पिछले 18 वर्षों से यह प्रक्रिया विभिन्न कारणों से पूर्ण रूप से संपन्न नहीं हो सकी थी। इस लंबे विलंब को समाप्त करने के लिए अब सरकार ने एक स्पष्ट, व्यवस्थित और समयबद्ध नीति लागू की है, जिससे पात्र परिवारों को शीघ्र रोजगार सहायता प्राप्त हो सकेगी और कोई भी योग्य आश्रित वंचित नहीं होगा। मुख्यमंत्री के अनुसार नई नीति की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि जिन पीड़ितों के आश्रित अब 50 वर्ष से अधिक आयु के हो चुके हैं और सेवा ग्रहण करने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें परिवार की अगली पीढ़ी जैसे पुत्र, पुत्री, बहू या दामाद के नामांकन का विकल्प दिया गया है। इससे परिवार को वास्तविक रूप से रोजगार का लाभ मिल सकेगा और सहायता का उद्देश्य सार्थक रूप से पूरा होगा।
उन्होंने कहा कि नई नीति में आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता में आवश्यक छूट प्रदान की गई है। यह सभी प्रावधान दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों और विधिक प्रक्रिया के अनुरूप होंगे। साथ ही सत्यापन, शिकायत निवारण एवं विभागीय आवंटन के लिए एक पारदर्शी और सुव्यवस्थित तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे नियुक्तियों की प्रक्रिया न्यायसंगत और जवाबदेह ढंग से संचालित हो सके। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि यह निर्णय दिल्ली सरकार का पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और उनके सम्मान, न्याय एवं आर्थिक पुनर्वास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी पात्र परिवार अब और प्रतीक्षा न करे। रोजगार का यह अवसर अगली पीढ़ी तक पहुंचाकर हम न केवल आर्थिक सहारा देंगे, बल्कि उन परिवारों के आत्मसम्मान को भी पुनः स्थापित करेंगे।