नई दिल्ली ..... रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लंबे समय तक पानी में सेंसरिंग एवं निगरानी के लिए उपयोगी ‘लॉन्ग लाइफ सीवाटर बैटरी सिस्टम’ और तेज इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली समेत सात प्रौद्योगिकियां सशस्त्र बलों को सौंपी हैं। सरकार ने यह जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ये प्रौद्योगिकियां प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना के तहत विकसित की गई हैं। एक बयान में कहा गया है, डीआरडीओ ने टीडीएफ योजना के तहत विकसित सात प्रौद्योगिकियां सेना के तीनों अंगों को सौंप दी हैं। मंत्रालय ने कहा इन प्रौद्योगिकियों में ‘हवाई आत्म सुरक्षा जैमर्स’ के लिए स्वदेशी उच्च-वोल्टेज विद्युत आपूर्ति; नौसेना जेटी के लिए ज्वार-कुशल गैंगवे; उन्नत अति निम्न आवृत्ति-उच्च आवृत्ति ‘स्विचिंग मैट्रिक्स’ प्रणालियां; पानी के नीचे प्लेटफार्म के लिए ‘वीएलएफ लूप एरियल’; तीव्र अवरोधक के लिए स्वदेशी वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली; प्रयुक्त लिथियम-आयन बैटरियों से ‘लिथियम प्रीकर्सर’ की पुनर्प्राप्ति की नयी प्रक्रिया और पानी के भीतर दीर्घकालीन संवेदन एवं निगरानी अनुप्रयोगों के लिए दीर्घ समय तक काम करने में सक्षम समुद्री जल बैटरी प्रणाली शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि इन सभी प्रौद्योगिकियों/उत्पादों को भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा डीआरडीओ के विशेषज्ञों एवं तीनों सेनाओं के निकट सहयोग एवं मार्गदर्शन के साथ डिजाइन, विकसित और व्यापक परीक्षणों के माध्यम से तैयार किया गया है।
भारत को जल्द मिलेंगी 40 हजार लाइट मशीन गन
नई दिल्ली (एजेंसी)। इस्राइल की एक प्रमुख रक्षा कंपनी ने कहा कि वह अगले साल की शुरुआत से भारत को 40 हजार लाइट मशीन गन (एलएमजी) की पहली खेप देना शुरू करेगी। इसके साथ ही कंपनी करीब एक लाख 70 हजार आधुनिक कार्बाइन देने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के अंतिम चरण में है। इस्राइल वेपन इंडस्ट्रीज (आईडब्ल्यूआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शुकी श्वार्ट्ज ने कहा कि उनकी कंपनी भारतीय गृह मंत्रालय की कई एजेंसियों के साथ मिलकर पिस्तौल, राइफल और मशीन गन जैसे हथियारों की भारत में बिक्री पर काम कर रही है। श्वार्ट्ज ने पीटीआई के साथ इंटरव्यू में कहा, हम अभी तीन बड़े कार्यक्रमों में शामिल हैं।