नयी दिल्ली, 26 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कोरोना की रोकथाम के बाद भी उसे हल्के में नहीं लेने का आग्रह करते हुए कहा है कि यह महामारी है और हमारे पूर्वजों ने कहा है कि महामारी, कर्ज तथा आग को अगर हल्के में लेकर छोड़ दें तो मौक़ा पाते ही ये सब दोबारा ख़तरनाक हो जाते हैं।
श्री मोदी ने रेडियो पर हर माह प्रसारित अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में रविवार को कहा कि देश इस समय वैश्विक महामारी की चपेट में है। यह महामारी है और इसे किसी भी स्तर पर हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इसको हराने में लापरवाही नहीं करनी है और इसको लेकर सामाजिक दूरी के पालन के अलावा जो भी नियम बनाए गये हैं, उनका हर स्तर पर पालन करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा “इस वैश्विक-महामारी के संकट के बीच आपके परिवार का सदस्य होने के नाते आपको कुछ संकेत करना,कुछ सुझाव देना मेरा दायित्व है। मैं आपसे, आग्रह करूँगा – हम कतई अति-आत्मविश्वास में न फंस जाएं, हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गाँव में, हमारी गली में, हमारे दफ़्तर में कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए अब पहुँचने वाला नहीं है। देखिये, ऐसी ग़लती कभी मत पालना। दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है और इस स्थिति में हमें ‘सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी’ वाली कहावत को याद रखना है।”
प्रधानमंत्री ने संस्कृत का एक श्लोक उद्धृत करते हुए कहा “अग्नि, व्याधि और कर्ज को हल्के नहीं लेना चाहिए क्योंकि आग, कर्ज़ और बीमारी, मौक़ा पाते ही दोबारा बढ़कर ख़तरनाक हो जाते हैं। इनका पूरी तरह उपचार बहुत आवश्यक होता है। इसलिए अति-उत्साह में, स्थानीय-स्तर पर, कहीं पर भी कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसका हमेशा–हमेशा हमने ध्यान रखना ही होगा। और, मैं फिर एक बार कहूँगा – दो गज दूरी बनाए रखिये, खुद को स्वस्थ रखिये । दो गज दूरी, बहुत है ज़रूरी।”