- नहीं मिला आरोपित तो उसकेे बेटे शक्तिमान भास्कर को उठा लाई कोतवाली पुलिस
- अरेस्ट-स्टे देखने के बाद सकते में आई पुलिस, बेटे को किया हिरासत से मुक्त
- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पेंशन का लाभ उठाने के मामले में दर्ज है मुकदमा
गाजीपुर। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर ट्रेजरी विभाग से वर्षो से पेंशन प्राप्त करने के गम्भीर मामले में फंसे चंदौली जिले के धानापुर थाना क्षेत्र के नरौली गांव निवासी एक रिटायर्ड शिक्षक को दबोचने के लिए शुक्रवार की देर रात शहर कोतवाली पुलिस ने उसके घर पर दबिश डाला। इस दौरान कोतवाली पुलिस ने आरोपित के बेटे शक्तिमान भास्कर को पकड़ लिया और उसे लेकर यहां आ गईं शनिवार की सुबह युवक के परिजन उसे तलाशते हुए यहां शहर कोतवाली में पहुंचे। इस दौरान जब परिवार के लोगों को पता चला कि पुलिस आरोपित रिटायर्ड शिक्षक सुमंत कुमार भास्कर को दबोचने के लिए वहां पहुंची थी तो परिवार के लोगों ने पुलिस को गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से प्राप्त स्टे-आर्डर को दिखाया। स्टे-आर्डर देखने के बाद पुलिस अवाक रह गई और उन्होंने आरोपित के समक्ष उसके बेटे को हिरासत से मुक्त कर दिया। आरोपित के परिजनों का कहना है कि अरेस्ट स्टे-आर्डर की प्रतिलिपि उन्होंने सभी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भेज दी थी। तबकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अरेस्ट स्टे-आर्डर की प्रतिलिपि प्राप्त नहीं हुई थी इसलिए उन्होंने यह कार्रवाई की। बताते चले कि इस मामले में जांचोपरान्त डीआईओएस भस्कर मिश्रा की रिपोर्ट के आधार पर शहर कोतवाली में रिटायर्ड शिक्षक सुमंत कुमार भास्कर व चंद्रिका सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस की विवेचना श्हर कोतवाली के एसआई अभिराज सरोज कर रहे है।
मामले पर एक नजर
शहर कोतवाली क्षेत्र के रुहीपुर गांव में स्थित गंगा प्रसाद राम प्रसाद यादव इंटर कालेज के सहायक अध्यापक स्व. हरिद्वार राम की पत्नी प्रमिला देवी ने डीआईओएस ऑफिस में इस आशय का लिखित पत्र दिया कि उनके पति का सेवाकाल के दौरान ही 10 मई 2018 को निधन हो गया था। पति के निधन के बाद उन्हें पारिवारिक पेंशन व अन्य लाभ नहीं प्राप्त हुआ। जबकि उनके पति के साथ ही नियुक्त सहायक अध्यापक सुमंत कुमार भास्कर व चंद्रिका सिंह यादव को पेंशन का भुगतान प्राप्त हो रहा है। पीड़िता ने दोनों शिक्षकों का पीपीओ नम्बर भी डीआईओएस को उपलब्ध कराया। इस मामले का खुलासा करने के लिए डीआईओएस भास्कर मिश्रा ने तत्काल दोनों शिक्षकों के पीपीओ नम्बर 16760/11010 व 16945/11240 को सत्यापन के लिए 16 अक्तूबर 2024 को पत्र उप शिक्षा निदेशक पंचम वाराणसी कार्यालय को भेजा। 17 अक्तूबर को जांचोपरान्त विभाग ने डीआईओएस को अवगत कराया कि सुमंत कुमार भास्कर का पीपीओ नम्बर मनोज कुमार शर्मा पुत्र स्व. ज्वाला प्रसाद सिंह प्रधानाचार्य हाथी बरनी इंटर कालेज वाराणसी व चंद्रिका सिंह यादव का उषा उपाध्याय सहायक अध्यापिका काशी बालिका शिक्षा निकेतन इंटर कालेज शिवपुरवां वाराणसी की पेंशन स्वीकृति के लिए निर्गत है। इसके बाद दोनों शिक्षकों के पीपीओ नम्बर की जांच पूरी करने के लिए उसे ट्रेजरी विभाग गाजीपुर में मिलान करने के लिए भेजा गया। इस दौरान पीपीओ नम्बर के प्रति पेंशन प्रपत्र-3 एवं अदेय प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया, जिसमें स्कूल प्रबंधक के हस्ताक्षर पाये गये। हस्ताक्षर जांच के लिए 21 अक्तूबर को प्रबंधक व पूर्व प्रधानाचार्य कमला सिंह यादव को बुलाया गया, जिन्होंने हस्ताक्षर को फर्जी करार दे दिया था।
थ्ववेचक पर भड़क उठे एसपीहाई
चूंकि मामला सरकारी धन के गबन से जुड़ा हुआ था इसलिए शुक्रवार की देर रात हुई मीटिंग के दौरान एसपी डा. ईरज राजा की नजर इस केस से जुड़े विवेचना पर पड़ गई। एसपी ने केस के विवेचक से कार्रवाई के सम्बंध में जानकारी मांगी और विवेचक से पूछ दिया कि अब तक आरोपित सुमंत कुमार भास्कर की गिरफ्तारी क्यो नहीं हुई। चूंकि विवेचक को पता ही नहीं था कि इस मामले में आरोपित चंद्रिका सिंह यादव के साथ ही सुमंत कुमार भास्कर को भी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से स्टे-आर्डर प्राप्त हो गया है इसलिए विवेचक कोई जबाब नहीं दे पाये। इससे नाराज एसपी डा. ईरज राजा ने तत्काल ही आरोपित को दबोचने का फरमान जारी करते हुए कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर आरोपित नहीं पकड़ा गया तो केस के विवेचक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
वर्जन
थाने पर हाईकोर्ट से जुड़े स्टे-आर्डर से सम्बंधित कोई प्रतिलिपि प्राप्त नहीं हुई थी। ऐसे में आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस चंदौली जिले में स्थित उसके आवास पर गई थी। शनिवार की सुबह आरोपित और उसके परिजन हाईकोर्ट से अरेस्ट पर मिले स्टे-आर्डर को लेकर कोतवाली आये। कोर्ट के आर्डर का अवलोकन करने के बाद पुलिस ने आरोपित के बेटे को हिरासत मुक्त कर दिया। केस की विवेचना जारी है। दीनदयाल पांडेय- शहर कोतवाल