बलरामपुर। शनिवार को रामपुर रेंज के जरवा वन विश्राम भवन परिसर में सीमा पार वन, वन्य जीव, वन सुरक्षा से संबंधित समन्वय बैठक का आयोजन सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग की तरफ से किया गया। बैठक में नेपाल राष्ट्र के वन विभाग के अधिकारी, बांके नेशनल पार्क के सीनियर कंजर्वेशन अफसर, फील्ड अधिकारी, वन्य जीव विशेषज्ञ तथा अन्य सम्बन्धित हितधारकों ने प्रतिभाग किया। उत्तर प्रदेश वन विभाग के तरफ से अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रभारी मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव पूर्वी गोंडा एपी सिन्हा, वन संरक्षक प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग बलरामपुर डाक्टर सेम्मारन एम, उप प्रभागीय वनाधिकारी तुलसीपुर मनोज कुमार, क्षेत्रीय वनाधिकारी रामपुर प्रभात वर्मा, अमरजीत प्रसाद, क्षेत्रीय वनाधिकारी तुलसीपुर व वन विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ एसएसबी कोयलाबास के अधिकारियों एवं कर्मचारी भी शामिल हुए। बैठक में मुख्य बिन्दु सीमापारीय वन एवं वन्य जीवों का प्रबन्धन, वन अपराध, मानव वन्य जीव संघर्ष, सीमापार प्रकाष्ठ एंव वन्य जीव उत्पादों की तस्करी, पारिस्थतिकी पर्यटन, वन्यजीवों के भ्रमण हेतु कॉरिडोर तथा संयुक्त गश्त आदि पर विस्तृत चर्चा की गयी। भविष्य में वन एवं वन्य जीवों से सम्बन्धित सूचनाओं का आदान प्रदान करने, वन अपराधों पर नियंत्रण हेतु पारस्परिक सहयोग करने, एक दूसरे के क्षेत्रों में पौधे एवं जंतुओं की विशिष्ट प्रजातियों के जानकारी साझा करने पर जोर दिया गया। नेपाल के अधिकारियों को उत्तर प्रदेश तथा सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग की उपलब्धियों जैसे वनावरण में वृद्धि, मानव वन्य जीव संघर्ष को न्यूनतम करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों तथा उपलब्धियों आदि के बारे में बताया गया। बांके नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा बांके नेशनल पार्क के प्रबन्धन की गतिविधियों, बाघों के संख्या में वृद्धि व उनके संरक्षण तथा संवर्धन हेतु किये जा रहे कार्यों के बारे में सूचना साझा की गयी। अपर प्रधान मुख्य वन प्रभारी मुख्य वन संरक्षक वन्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस तरह की बैठके नियमित अंतराल पर होती रहनी चाहिए तथा वन एवं वन्य जीवों से सम्बन्धित सभी मामलों को आपसी सहमति से सुलझाया जाना चाहिए। एपी सिन्हा ने सीमा पर फायर लाइन का निर्माण तथा उसके रख रखाव पर भी विशेष जोर दिया। कहा कि वन अग्नि से जैव विविधता का क्षरण होता है जिसे प्रत्येक दशा में रोका जाना आवश्यक है। कार्यक्रम में अधिकारियों ने जरवा वन विश्राम परिसर में वृक्षारोपण भी किया। प्रभाग द्वारा विकसित जरवा ईको टूरिज्म के तहत बने दारा नाला का भ्रमण भी किया गया।