नयी दिल्ली..... दिल्ली में छात्र राजनीति में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें जीतने वाले कई छात्रनेता राष्ट्रीय राजनीति में उच्च पदों तक पहुंचे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव की शुरुआत 1954 में हुई थी, जब विश्वविद्यालय ने पहली बार छात्रों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिया था। धीरे-धीरे यह चुनाव केवल छात्र हितों तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय राजनीति का विषय बन गया। श्री अरुण जेटली, श्री अजय माकन, श्री विजय गोयल, सुश्री अल्का लांबा आदि छात्रसंघ से निकलकर देश की संसद, विधानसभा और मंत्रिमंडल तक पहुंचे। यहां तक की दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता भी डूसू की अध्यक्ष रही हैं।
श्री अरुण जेटली (एबीवीपी) 1974-75 में अध्यक्ष चुने गए, जो बाद में भारत के वित्त मंत्री बनें। भाजपा नेता विजय जौली, सुधांशु मित्तल, नूपुर शर्मा और दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद डूसू अध्यक्ष रहे। वहीं कांग्रेस नेताओं की बात की जाये तो 1985-86 में अजय माकन (एनएसयूआई) अध्यक्ष बने। 1995-96 में अलका लांबा (एनएसयूआई) अध्यक्ष चुनी गईं। कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक भी डूसू अध्यक्ष रहीं हैं।
डूसू के 65 वर्षों के इतिहास में (1954-2019 तक) केवल 11 महिलाएं ही अध्यक्ष बन पाई।
वर्ष 2009-10 में मनोज चौधरी (स्वतंत्र) अध्यक्ष बनें। 2014 में मोहित नागर (एबीवीपी), 2015 सतेंद्र अवाना (एबीवीपी), 2016 अमित तंवर (एबीवीपी), 2017 रॉकी तुसीद (एनएसयूआई), 2018 अध्यक्ष अंकित बैसोया (एबीवीपी), 2019 अक्षित दाहिया (एबीवीपी) , 2023 में तुषार डेढ़ा (एबीवीपी), 2024 अध्यक्ष रौनक खत्री (एनएसयूआई) चुने गए।