नयी दिल्ली,.... उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, नोएडा की एसएसआई शाखा के प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव को बैंक धोखाधड़ी मामले में चार साल की सजा और 30,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई ने 14 दिसंबर 2010 को श्रीवास्तव, अकाउंटेंट अनिल कुमार गोविल और राजीव बुद्धिराजा, प्रोप्राइटर, एम/एस भारती एसोसिएट्स के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मई 2007 से जून 2009 के दौरान श्रीवास्तव ने अपने पद का दुरुपयोग कर गोविल के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 10 फरवरी 2009 को बुद्धिराजा को 40 लाख रुपये का कर्ज मंजूर किया, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ। सीबीआई ने 29 सितंबर 2012 को चार्जशीट दाखिल की थी, और कोर्ट ने सात जुलाई 2017 को आरोप तय किए थे। श्रीवास्तव ने इस वर्ष 22 अगस्त को विशेष सीबीआई कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार करते हुए दोषी याचिका दायर की।
विशेष न्यायाधीश ने इसे स्वीकार कर शनिवार को सजा सुनाई। जांच के दौरान पता चला कि फर्जी दस्तावेजों में संपत्ति के कागजात और वित्तीय विवरण शामिल थे, जिनका इस्तेमाल कर्ज मंजूरी के लिए किया गया। सीबीआई ने कहा कि अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई जारी है। कोर्ट के इस फैसले से बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।