नयी दिल्ली... कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मित्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब भारत के खिलाफ निर्णय लेते हैं तो आश्चर्य की बात यह है कि इन फैसलों पर श्री मोदी चुप्पी साध लेते हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा ने इसे अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष झुकना करार दिया लेकिन एक शेर-"झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर , सर इतना भी मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े"- के साथ उन्हें सलाह दी है कि श्री ट्रम्प के हर निर्णय को सिर झुकाकर स्वीकार करने की बजाय उन्हें इस पर चुप्पी भी तोड़नी चाहिए।
भारत के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति के कई निर्णयों का विवरण देते हुए श्री मोदी की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा "डोनाल्ड ट्रम्प नरेन्द्र मोदी के तो दोस्त हैं लेकिन भारत के ख़िलाफ़ निर्णय लेते हैं। जब भारतीयों को बेड़ियों में जकड़ कर बेइज़्ज़त कर के भेजा जा रहा था, मोदी चुप रहे। जब व्यापार की धमकी दे कर सीज़ फ़ायर के दावे किए जा रहे थे, मोदी चुप रहे। जब चाबहार पोर्ट पर भारत के ख़िलाफ़ निर्णय लिया गया, मोदी चुप रहे। जब भारी भरकम टैरिफ लगाया गया, मोदी चुप रहे। जब रूसी तेल पर हमारे ख़िलाफ़ कदम उठाए गए, मोदी चुप रहे। जब एन-1बी वीसा की फ़ीस के ज़रिए हमारे लाखों नौजवानों को नुक़सान पहुँचाया, मोदी चुप रहे।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री देश से बड़ा नहीं होता। यह खुलासा होना चाहिए कि क्या यह दोस्ती किसी को बचाने के लिए है या कुछ राज़ हैं जिन पर पर्दा डालने के लिए है।
उन्होंने कहा कि जब डोनाल्ड ट्रम्प ने श्री मोदी की तारीफ़ की, उन्हें'माय डियर फ्रेंड'कहा और जन्मदिन पर बधाई दी तो श्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर संदेश दिया और उनका भोंपू मीडिया दिवाली मनाने लग गया।