नई दिल्ल्ली ....। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को बिना किसी आक्रामक कदम के वापस हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि अब वहां के लोग खुद ही मौजूदा शासन से आजादी की मांग कर रहे हैं। राजनाथ सिंह मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, पीओके तो अपने आप हमारा हो जाएगा। आपने सुना होगा कि वहां अब आवाजें उठ रही हैं, नारे लग रहे हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने पांच साल पहले भी ऐसी ही बात कही थी, जब वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं पांच साल पहले कश्मीर घाटी में सेना के एक कार्यक्रम में बोल रहा था। तब भी मैंने कहा था कि हमें पीओके पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं होगी। वह तो पहले से हमारा है। पीओके खुद कहेगा मैं भी भारत हूं। वो दिन जरूर आएगा। राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कई लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके पर कब्जा करने का मौका गंवा दिया है। यह सैन्य अभियान सात मई को शुरू हुआ था, जिसमें भारत ने कई पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। इसके अलावा, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई सैन्य ठिकानों को तबाह किया गया था। यहीं नहीं पाकिस्तानी के कई एयरबेस भी ध्वस्त किए गए थे। इसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार की आलोचना की थी कि जब भारत को संघर्ष में बढ़त मिली हुई थी, तब संघर्षविराम को क्यों स्वीकार किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों दो दिन के मोरक्को दौरे पर हैं, जहां वह टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की नई निर्माण इकाई का शुभारंभ करेंगे। इस इकाई में आठ पहियों वाला बख्तरबंद सैन्य वाहन तैयार किया जाएगा। यह अफ्रीका में भारत की पहली रक्षा निर्माण इकाई होगी। यह पहली बार है, जब कोई भारतीय रक्षा मंत्री मोरक्को की यात्रा पर गया है। उन्होंने इस मौके को भारत की रक्षा निर्माण क्षमता के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव का एक अहम पड़ाव बताया है। रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, क्या पार्ट-2 या पार्ट-3 होगा, यह कहना मुश्किल है। यह पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करता है। अगर वह आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहता है, तो उसे जवाब मिलेगा। पहलगाम में हमारे 26 लोग मारे गए थे। इससे पहले उनसे उनका धर्म पूछा गया था। मैंने 23 अप्रैल को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), तीनों सेनाओं के प्रमुखों और रक्षा सचिव के साथ बैठक में पहला सवाल पूछा था कि अगर सरकार ऐसा फैसला लेती है तो क्या वे इस ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। इसके बाद हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया। उन्होंने हमें आगे बढ़ने की पूरी छूट दी। आपने देखा होगा उसके बाद क्या हुआ। सीमा पर नहीं, हमने उसके सौ किलोमीटर भीतर तक आंतक के ठिकाने नष्ट कर दिए। जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष आतंकवादी ने कहा कि भारत के हमले में मसूद अजहर का परिवार बिखर गया। फिर पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की और हम सहमत हुए।