नई दिल्ली ...... अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और वैश्विक ऊर्जा ग्रिड को लेकर कई अहम बातें रखीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका मिलकर ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी साझेदारी करेंगे, जिससे न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार भी तेजी से बढ़ेगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया अब मान चुकी है कि ऊर्जा सुरक्षा ऐसा क्षेत्र है जहां सबको मिलकर काम करना होगा। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी है। हम अलग-अलग देशों से बड़ी मात्रा में ऊर्जा का आयात करते हैं, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। आने वाले वर्षों में हम अमेरिका के साथ ऊर्जा उत्पादों के व्यापार को और बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारी ऊर्जा सुरक्षा योजनाओं में अमेरिका की बड़ी भूमिका होगी, जिससे भारत को स्थिर और विविध स्रोतों से ऊर्जा मिलेगी। इससे हमें अमेरिका के साथ ऊर्जा से आगे भी कई नए अवसर मिलेंगे। इस दौरान पीयूष गोयल ने परमाणु ऊर्जा को लेकर भी दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावना पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'परमाणु ऊर्जा ऐसा क्षेत्र है जहां भारत और अमेरिका मिलकर आगे बढ़ सकते हैं। पहले कुछ तकनीकी और कानूनी मुद्दे थे जिन्हें सुलझाने पर काम हो रहा है। अमेरिका में छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर पावर पर नवाचार हो रहे हैं, जिनसे भारत को फायदा हो सकता है। भारत आने वाले वर्षों में अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को दोगुना करेगा। हालांकि, बड़े स्तर पर इसे बढ़ाने के लिए लागत और कीमत से जुड़े कुछ चुनौतियों का हल करना होगा।
स्वच्छ ऊर्जा में बड़ा लक्ष्य-1000 गीगावॉट की ओर : भारत की स्वच्छ ऊर्जा योजना पर बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि अगले 5 वर्षों में भारत अपनी क्लीन एनर्जी क्षमता को 250 गीगावॉट से बढ़ाकर 550 गीगावॉट तक ले जाएगा। उन्होंने कहा, भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि हमारे पास 500 गीगावॉट की एकीकृत राष्ट्रीय ग्रिड है, जिसमें आधी क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा की है। यह ग्रिड देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर होने वाली ऊर्जा मांग को संतुलित करती है।
स्टार्टअप और इनोवेशन पर जोर : केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान कहा कि भारत के पास बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली इंजीनियर और युवा हैं, जो दुनिया की कंपनियों के लिए समाधान दे सकते हैं।