नई दिल्ली .... भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का जंगी जहाज मिग-21 आज रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से मिग-21 को विदाई दी गई। इस समारोह में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए। उनके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, वायुसेना अध्यक्ष एपी सिंह, सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना अध्यक्ष दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी शिरकत की और मिग-21 की विदाई समारोह के ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। दुश्मनों के दांत खट्टे कर देने वाला ये लड़ाकू विमान अब आसमान में उड़ता हुआ नहीं दिखेगा।
मिग-21 की जगह अब तेजस लेगा। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित मिग-21 के विदाई समारोह में कुल छह मिग विमानों ने आसमान में आखिरी बार ताकत दिखाई। सातवीं महिला पायलट स्कवाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी मिग 21 उड़ाया। पैंथर फॉरमेशन में सभी विमान एयरबेस पर लौटे। इसके बाद छह मिग-21 उड़ाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलटों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतिहासिक तस्वीर खिंचवाई। मिग-21 के विदाई समारोह में सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने प्रस्तुति दी। अलविदा उड़ान को देखकर इन्हें उड़ाने वाले पूर्व वायु सैनिक भावुक हो गए। मिग 21 को पानी की बौछार से अंतिम सलामी दी गई।
इसी के साथ मिग की गर्जना शांत हो गई। 62 साल तक देश की सेवा करने के बाद भारत का पहला सुपरसोनिक विमान मिग-21 अब रिटायर हो गया है। खास बात यह है कि लगभग 60 साल पहले मिग-21 की लॉन्चिंग चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से हुई थी। यही वजह रही की आज इसकी रिटायरमेंट भी यहीं से हुआ। अब तक मिग-21 वायुसेना की ताकत रहा है। क्योंकि मिग ने कई ऐतिहासिक युद्धों में अहम भूमिका निभाई है। 1965-1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1999 कारगिल युद्ध, बालाकोट स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर में भारत का शौर्य बढ़ाया। दुश्मनों के छक्के छुड़ाए। जब जरूरत पड़ी अग्रिम पंक्ति में देश का नेतृत्व किया। देश को सदैव विजयी भव: की दिशा में ले जाकर जीत दिलाने का जज्बा सिखाया। स्मड्रन नंबर 23 (पैंथर्स) के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन राजेंद्र नंदा के नेतृत्व में अन्य मिग-21 पैंथर्स फॉर्मेशन में आखिरी बार आसमान में गरजे। इसमें एयरफोर्स की सातवीं फाइटर जेट पायलट प्रिया शर्मा भी मौजूद रहीं। बादल-थ्री फॉर्मेशन में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी मिग-21 के साथ आखिरी बार उड़ान भरी। इसे कॉल साइन कहा जाता है। चूंकि इस विमान की पहली स्मड्रन चंडीगढ़ में गठित हुई थी, लिहाजा इसकी विदाई के बाद यहीं एक मेमोरी लेन भी बनाई गई थी, जिससे 1963 से लेकर 2025 तक मिग-21 के अदम्य साहस और शौर्य को प्रदर्शित किया।
मिग-21 विमानों के स्विच ऑफ स्मड्रन के कमांडिंग अफसर एयरफोर्स चीफ को फार्म-700 के रूप में एक बड़ी किताब सौंपी। इसमें विमान की उड़ान से पहले उनकी हर तरह की जांच संबंधी रिपोर्ट और उड़ान के बाद पायलटों की फीडबैक रिपोर्ट शामिल है। यानी मिग-21 की संचालन संबंधी यादें अब इसी किताब में सिमटकर रह जाएंगी। थल सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि मिग-21 की विदाई को लेकर भावुक महसूस कर रहा हूं। यह बहुत ताकतवर था। पूर्व वायुसेना अध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि मिग 21 ने वायु सेना को बहुत मजबूत बनाए रखा। इसकी कमी खलेगी लेकिन समय के साथ-साथ नए जंगी जहाज भी ताकत बढ़ाएंगे। मिग की ताकत का लोहा दुश्मन भी मानता था और आज तक घबराता था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग 21 ने हमेशा बेहतर प्रदर्शन किया है।
अपने समय की तकनीक के हिसाब से मिग सबसे बेस्ट था। मिग-21 को लंबे समय तक हमारी वायुसेना का भरोसा मिला। हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसकी लिगेसी को सेलिब्रेट करें। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ से मिग का सफर शुरू हुआ था। चंडीगढ़ उस गौरवशाली पल का गवाह है। मिग को बर्ड ऑफ ऑल सीजन कहा जाता है, क्योंकि इसने हर समय अपनी उपयोगिता सिद्ध की। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिग 21 महज एक विमान नहीं है, यह भारत-रूस संबंधों का प्रमाण है।