नई दिल्ली ..... लेह हिंसा के 4 दिन बाद कांग्रेस सासंद राहुल गांधी का रिएक्शन आया है। राहुल ने सोशल मीडिया ङ्ग पर लिखा कि लद्दाख के अद्भुत लोग, संस्कृति और उनकी परंपराएं भाजपा और आरएसएस के निशाने पर हैं।
लद्दाख के लोगों ने आवाज उठाई। भाजपा ने जवाब में चार युवकों की हत्या कर दी और सोनम वांगचुक को जेल में डाल दिया। ये हत्या बंद करो। ये हिंसा बंद करो और लद्दाख के लिए आवाज उठाओ। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन हुआ था। छात्रों की पुलिस और सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। रिंगजिंग ने बताया कि इन चार दिन न दूध आया, न अखबार और न ही कोई सवारी मिली। हम घरों में कैद थे। कर्फ्यू की ढील में मैंने सोनम के आंदोलन से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं से बात की। मैंने पूछा कि आखिर जवानों को यहां आना ही क्यों पड़ा? जवाब में उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब सोनम का गांधीवादी तरीका सफल नहीं हुआ तो युवाओं ने ही रास्ता निकला। हालांकि अब उन्हें समझ आ रहा होगा कि आंदोलन और अराजकता में क्या फर्क होता है। इनकी बात से समझ आ गया कि आंदोलनकारियों को भी अराजकता का दर्द महसूस हो रहा है। सेरिंग से जब पूछा कि डीजीपी जामवाल आपके सोनम का पाकिस्तान से कनेक्शन बता रहे हैं। इस पर सेरिंग कहते हैं कि चार दिन से पर्यटक नहीं आए हैं। हर तरफ डर का माहौल है। ऊपर से डीजीपी अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। हम लद्दाख वाले सेना के साथ साझेदारी करते हैं। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी जामवाल ने शनिवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने बताया कि सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक का पाकिस्तान से कनेक्शन है। पिछले दिनों लेह पुलिस ने एक पाकिस्तानी मूल के इंटेलिजेंस अफसर को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक की रिपोर्टिंग कर रहा था और रिपोर्ट पाक भेज रहा था। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। वो इस वक्त जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। जामवाल के मुताबिक इस साल वांगचुक ने पाकिस्तान और बांग्लादेश की यात्राएं की थीं। इसकी जांच शुरू कर दी है। 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के पीछे कुछ कथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं के भड़काऊ भाषण जिम्मेदार हैं। इनमें वांगचुक प्रमुख हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से चल रही बातचीत को पटरी से उतारने की कोशिश की।