नयी दिल्ली.... भारत में ब्रिटेन के उच्चायोग की अधिकारी अन्ना शॉटबोल्ट ने भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाज़ार के प्रमुख क्षेत्रों में अपनी पैठ बनाने के लिए उत्पाद को पर्यावरण एवं पारिस्थिति के अनुकूल रखने और गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाने को प्रोत्साहित किया है।
राजधानी में स्थित ब्रिटेन उच्चायोग में दक्षिण एशिया प्रभाग की उप-व्यापार आयुक्त सुश्री शॉटबोल्ट ने हाल में सम्पन्न हुए भारत ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग समझौते को "द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में एक मील का पत्थर" बताया है। उन्होंने कहा है कि इसका लाभ उठाने के लिए भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार की जरूरत और मानकों के अनुरूप ढलना होगा।
वह यहां भारत- ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) पर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा हाल में आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। वाणिज्य मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग की आर्थिक मंत्री निधि मणि त्रिपाठी ने ब्रिटिश बाज़ार में -विशेष रूप से खाद्य, वस्त्र और सेवाओं के क्षेत्र में भारतीय व्यवसायों के लिए उभरते अवसरों पर व्यावहारिक दृष्टि से प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में भारत की अग्रणी निर्यात संवर्धन परिषदों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों के लिए उपयोगी दृष्टिकोण के साथ चर्चा की गयी।
कार्यक्रम में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष अभिषेक देव ने ब्रिटेन के बाज़ार में भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की बढ़ती माँग पर प्रकाश डाला और कहा कि यह समझौता भारत को पारंपरिक खाद्यों, जैविक उत्पादों और रेडी टू ईट उत्पादों के ब्रिटेन के बाजार में प्रवेश का एक सुगम रास्ता प्रदान करता है।
कार्यक्रम में निर्यात संगठनों के शीर्ष मंच फियो के महानिदेशक, डॉ. अजय सहाय ने विविध-क्षेत्रों में अवसर के महत्व पर ज़ोर दिया और निर्यातकों से पारंपरिक बाज़ारों से आगे निगाह दौड़ाने और ब्रिटेन के खरीदारों तक अधिक कुशलता से पहुँचने के लिए डिजिटल तरीके अपनाने का आग्रह किया।
"विकास का द्वार: भारत-यूके सीईटीए के अंतर्गत अवसरों का दोहन" विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, राजनयिक, विभिन्न निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी-एस) के प्रतिनिधि, उद्योग जगत तथा निर्यात संघो के लोग भारतीय निर्यातकों ब्रिटेन के साथ हुए समझौते की परिवर्तनकारी क्षमता पर विचार-विमर्श करने के लिए एकत्रित हुए थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीजीएफटी एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अपर सचिव,अजय भादू ने ब्रिटेन के बाजार में भारत की उपस्थिति बढ़ाने में इस समझौते के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने प्रशुल्क में रियायत, बाजार प्रवेश के नियमों में आसानी और भारत की सूक्षम, लघु और मझौली इकाइयों (एमएसएमई) के लिए वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ अधिक मजबूती से एकीकृत होने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव, साकेत कुमार ने वार्ता की पृष्ठभूमि और रणनीतिक संदर्भ प्रस्तुत किया और भारतीय उद्योग के लिए नए अवसर पैदा करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया।