नयी दिल्ली.... लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत की राजनीतिक एकता और प्रशासनिक दृढ़ता की नींव रखी थी।
श्री बिरला ने आज यहां सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में संसदीय लोकतन्त्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित "नो यूअर लीडर" कार्यक्रम में भाग लेने देश भर से आए 600 से अधिक छात्रों से संवाद किया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल के विचारों और मूल्यों से प्रेरणा प्राप्त कर भारत के युवा नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नेतृत्व के माध्यम से देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
उन्होंने सरदार पटेल के जीवन और कार्यों से भारत के युवा नागरिकों को राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलती रहेगी । उन्होंने यह भी कहा कि भारत में दुनिया का बढ़ता विश्वास, देश की युवाओं की कड़ी मेहनत, रचनात्मकता और प्रतिबद्धता का परिणाम है और हमारे युवा न केवल एक सशक्त राष्ट्र, बल्कि एक समतामूलक और समृद्ध विश्व का भी निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने भारत के युवाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि वे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, डिजिटल प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान, हरित ऊर्जा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी उपलब्धियों से दुनिया को एक ऐसे आत्मविश्वासी और दूरदर्शी राष्ट्र का परिचय मिल रहा है जो आधुनिकता को अपनाते हुए भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सँजोए हुए है। विज्ञान और उद्यमिता से लेकर राजनय और शासन तक, प्रत्येक क्षेत्र में भारत के युवा देश की प्रगति की गति और स्वरूप को परिभाषित कर रहे हैं।
श्री बिरला ने कहा कि आज दुनिया भारत को आशा, प्रगति और स्थिरता के प्रकाश स्तंभ के रूप में देखती है, जो अपने युवा नागरिकों की ऊर्जा, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ रहा है। सरदार वल्लभभाई पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत की राजनीतिक एकता और प्रशासनिक दृढ़ता की नींव रखी। सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति, अटल संकल्प और अद्वितीय नेतृत्व से सैकड़ों रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर यह सुनिश्चित किया कि नव स्वतंत्र भारत एक अखंड और संप्रभु राष्ट्र के रूप में उभरे।
सरदार पटेल के परिवर्तनकारी नेतृत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री बिरला ने कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को शासन के ढाँचे में परिवर्तित किया, जिससे भारत विश्व मंच पर सशक्त और समावेशी लोकतंत्र के रूप में मजबूती से खड़ा हुआ । ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर आधारित युग में सरदार पटेल के एकता से शक्ति, अनुशासन से व्यवस्था और कर्तव्य से सेवा के आदर्श आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं।