श्रीगंगानगर.... राजस्थान में श्रीगंगानगर में गुरु नानकदेव की 556वीं जयंती के पावन अवसर पर सोमवार को श्रीगंगानगर शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी।
इस शोभायात्रा के साथ ही शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में तीन दिवसीय गुरु नानक जयंती उत्सव की शुरुआत हो
गयी है। उत्सव के पहले दिन गुरुद्वारों में अखंड पाठ का प्रकाश किया गया, जिससे वातावरण में भक्ति और आध्यात्मिकता की लहर दौड़ गयी। शहर के जी ब्लॉक में स्थित प्रमुख गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार से दोपहर के समय यह भव्य शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए शाम को वापस इसी गुरुद्वारे में समाप्त हुई। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, जिनमें विशेष रूप से विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण श्री गुरुग्रंथ साहिब की पालकी थी, जिसे फूलों से खूबसूरती से सजाया गया था।
इस पालकी को एक विशेष वाहन में विराजमान किया गया था, जो रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी सामग्रियों से सुशोभित था। पालकी के आगे-पीछे चल रहे श्रद्धालुओं का विशाल समूह गुरु की वाणी और भजन गाते हुए आगे बढ़ रहा था। कई श्रद्धालु मार्ग की सफाई करने और जल छिड़कने की सेवा में लगे हुए थे। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी उत्साह से झाड़ू लेकर रास्ते साफ करते नजर आये। शोभायात्रा में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राएं बैंड पर धार्मिक गीतों की मधुर धुनें बजा रहे थे, जबकि खालसा बैगपाइपर बैंड ने अपनी अनोखी प्रस्तुति से माहौल को और जीवंत बना दिया।
शोभायात्रा के दौरान कई स्थानों पर सिख शूरवीरों ने गतका (सिख मार्शल आर्ट) का शानदार प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में तलवारबाजी, लाठी और अन्य पारंपरिक हथियारों का कुशल उपयोग देखकर दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गये। यह प्रदर्शन सिख इतिहास की बहादुरी और आत्मरक्षा की परंपरा को जीवंत रूप से प्रस्तुत कर रहा था। रास्ते में कई जगहों पर स्थानीय निवासियों ने श्रद्धालुओं के लिए चाय, दूध और अल्पाहार के लंगर आयोजित किये, जो बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ परोसे गये। कई स्थानों पर लोग पालकी पर पुष्प वर्षा करते हुए गुरु नानक देव के आगे नतमस्तक होकर आशीर्वाद लेते दिखाई दिये और प्रसाद ग्रहण किया।