नई दिल्ली .... फलस्तीन के राजदूत को उम्मीद है कि स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन और खाड़ी क्षेत्र में स्थाई शांति में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। फलस्तीनी राजदूत अब्दुल्ला अबू शावेश के मुताबिक भारत हमारा बड़ा भाई है और 1930 में महात्मा गांधी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हर भारतीय नेता ने फलस्तीन की हिमायत की है। शावेश ने यह बातें अमर उजाला से विशेष बातचीत में कहीं।
शावेश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका इस्त्राइल के पक्ष में वीटो करता है इसलिए भारत का वहां होना जरूरी है और अगर भारत सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बन जाए तो सौ फीसदी फैसला फलस्तीन के पक्ष में होगा, ऐसा हमें विश्वास है। उन्होंने कहा कि शर्मलशेख में हुए शांति प्रस्तावों के बाद भी अभी गाजा में हालात जस के तस बने हुए हैं। हम पर ये प्रस्ताव थोपे गए हैं लेकिन हम निराश नहीं हैं और हम राख के ढेर से भी उठ खड़े होंगे। अब्दुल्ला अबू शावेश ने कहा कि हालांकि गाजा में जंग नहीं चल रही है बल्कि इस्राइल न हमला किया है। यह एकतरफा कार्रवाई है जो दो साल से जारी है। इसमें 67 हजार से ज्यादा निर्दोष फलस्तीनियों की मौत हुई है, जिसमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और मरीज तक शामिल हैं। शावेश के मुताबिक अभी भी गाजा में सात हजार टन विस्फोटक पड़ा हुआ है जो वहां के जनजीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। बच्चे भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। स्कूल अस्पताल नष्ट हो चुके हैं। दो साल पहले सात अक्तूबर को हमास द्वारा इस्राइल में घुस कर निर्दोष नागरिकों को मारने और उनके अपहरण के बारे में पूछने पर फलस्तीनी राजदूत ने कहा कि हमारे साथ 106 साल से जो अन्याय हो रहा है।
सीमा पार से आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी के पीड़ित, भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को घेरा
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सख्त लहजे में कहा कि देश लंबे समय से सीमा पार से आने वाले आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी का शिकार रहा है। भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि अब ड्रोन के जरिए भी हथियार भारत में भेजे जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने ‘स्मॉल आर्म्स’ पर खुले विचार-विमर्श के दौरान कहा कि हृस्ष्ट को ऐसे हथियारों की आवाजाही और इस्तेमाल को बढ़ावा देने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी चाहिए। रीश ने कहा भारत ने कई दशकों तक आतंकवाद की भयावहता झेली है।