नयी दिल्ली.... कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के काम मे लगे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की मौत को लेकर सरकार और चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस नेता श्री गांधी ने रविवार को अपने सोशल मीडिया के जरिए एसआईआर को जुल्म बताया। उन्होंने चुनाव आयोग को आधुनिक तकनीक ना अपनाते हुए कागज़ों पर काम करने का भी आरोप लगाया।
श्री गांधी ने कहा कि एसआईआर एक सोची-समझी चाल है, जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और बूथ लेवल अधिकारियों की अनावश्यक दबाव से मौतों को "कॉलैटरल डैमेज" मान कर अनदेखा कर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने देश भर में अफ़रा-तफ़री मचा रखी है, जिसका नतीजा ये है कि तीन हफ्तों में 16 बीएलओ की जान चली गई। हार्ट अटैक, तनाव और आत्महत्या ये थोपा गया ज़ुल्म है।
श्री गांधी ने चुनाव आयोग पर षडयंत्र रचने का अरोप लगाते हुये कहा कि सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मक़सद साफ़ है, सही मतदाता थककर हार जाए, और "वोट चोरी" बिना रोक-टोक जारी रहे।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर भारत का चुनाव आयोग आज भी काग़ज़ों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है।
उल्लेखनीय है कि देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के बीच बूथ लेवल अफसरों (बीएलओ) की मृत्यु चिंता का कारण बन गई हैं। एसआईआर के मसले पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं।