भारत ने 10 हजार करोड़ रुपये के एक दर्जन जापानी एयरक्राफ्ट US-2i खरीदने के पेंडिंग पड़े प्रोजेक्ट पर दोबारा काम शुरू कर दिया है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब पीएम नरेंद्र मोदी 11-12 नवंबर को टोक्यो का दौरा करने वाले हैं.
टर्बो प्रॉप्स नाम की तकनीक से लैस US-2i में ऐसी खूबियां हैं कि यह जमीन के साथ-साथ पानी से भी उड़ान भर सकता है. मोदी के जापान दौरे के दौरान भी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम के दौरे में भी US-2i एयरक्राफ्ट खरीदना अहम प्वाइंट हो सकता है.
हाल ही में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में डिफेंस ऐक्विजिशन काउंसिल की मीटिंग में भी इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा हुई है. खरीदे जाने वाले 12 US-2i में से छह कोस्ट गार्ड और छह नेवी को दिए जाएंगे. US-2i का ज्यादातर इस्तेमाल सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए किया जाएगा. इमरजेंसी की स्थिति में 30 सैनिकों को भी US-2i के जरिए भेजा जा सकता है.
चीन से निपटने की तैयारी में दोनों देश?
जापानी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 1.6 अरब डॉलर के विमान डील में जापान की ओर से कीमतें कम करने की पूरी कोशिश की जाएगी. अगर दोनों देशों के बीच यह समझौता होता है, तो चीन को यह संदेश जाएगा कि भारत और जापान रक्षा क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ हैं. गौरतलब है कि भारत और जापान चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता से जूझ रहे हैं.