समकालीन भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे सशक्त राजनीतिज्ञ और विकासपुरूष हैं, जिन पर प्रबुद्ध विचारक, लेखक और अर्थशास्त्री अपने कलम से भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, विकास, युवाओं और महिलाओं की समाज निर्माण में भूमिका और राष्ट्रीय सुरक्षा व आरएसएस की संवेदनशीलता व राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों पर उनकी सूक्ष्म से लेकर वृहद्् प्रभावी दृष्टिकोण को राष्ट्र-समाज के समक्ष प्रस्तुत करने की सशक्त पहल कर रहे हैं। हाल ही में पहले पहल प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘मोदी युग’ संसदीय लोकतंत्र का नया अध्याय के लेखक संजय द्विवेदी ने नरेंद्र मोदी के राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा, ग्रामोदय, विदेशनीति और भारतीय राजनीति में शुचिता संबंधी पहल को बहुत ही सशक्त रूप में पुस्तक में 63 अध्यायों के द्वारा प्रस्तुत किया है। जब एक कोई लेखक या पत्रकार पूर्वाग्रह रहित होकर दलीय राजनीतिक सोच से मुक्त होकर राष्ट्र, समाज, संस्कृति और समकालीन चुनौतियों की गंभीरता के अंतर्गत राष्ट्रीय भावना के परिवेश में लेखन करते हैं तो वह निश्चय ही भारतीयता की, भारतीय जनों की पुस्तक होती है और जब लेखन की पटकथा मोदी सरीखे नायक के इर्दगिर्द हो तो विश्लेषण और व्याख्या की सीमा खुद व खुद गंभीर, चुनौतीपूर्ण, बहुआयामी और लोकतांत्रिक मीमांसा युक्त हो जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर देश के नाम और भारत के समक्ष अपने रिपोर्ट कार्ड को सौंपा है। मोदी जी भारत के विकास के अब तक सर्वाधिक संकल्पित और प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री हैं। मोदी जी के निर्णयों पर टिप्पणी करते हुए हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और उनके कुछ निर्णय निसंदेह युग प्रवर्तक हैं। भारतीय राजनीति का मोदी समय अध्याय में लेखक ने भाजपा के स्वर्णयुग, जातिवादी राजनीति के बुरे दिन और अन्य पार्टियों के लिए जनता का कड़ा संदेश बताया है, तो अरसे बाद मुस्कराया देश अध्याय में संजय जी ने आतंकवाद और पाकिस्तान के भावी भविष्य को इंगित किया है। विदेश नीति, राजनीतिक-प्रशासनिक तंत्र में परिवर्तन की अपेक्षा, ग्रामोदय, भारतीयता, राष्ट्रवाद, बहुलतावादी संस्कृति, शिक्षा, स्वच्छता, सांप्रदायिकता, सुशासन, कश्मीर, भारतीय अर्थव्यवस्था की भावी रूपरेखा आदि बिंदुओं व विषयों के द्वारा लेखक ने मोदी जी की भारतीय जनमानस और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति रणनीतिक प्रतिबद्धता और सोच को उकेरा है। आज देश के सभी वर्गों मत-मतांतरों और विदेशी राष्ट्रों ने जिस तरह से मोदी जी के संकल्पित नीतियों-निर्णयों को स्वीकार्यता के साथ सहमति प्रदान की है तो इसमें मोदी जी का देश के विकास के प्रति सुशासन एक नारे से अधिक संकल्प और आंदोलन सरीखा है। कुल मिलाकर संजय द्विवेदी ने मोदी जी पर पूर्व में अन्य लेखकों द्वारा लिखित या संकल्पित पुस्तकों वक्त की मांग, एक भारत श्रेष्ठ भारत व मन की बात के क्रम में अपने लेखन ‘मोदी युग’ का एक नायांत संतुलित व सशक्त पहल किया है। पुस्तक मोदी युग का विश्लेषण, व्यापकता, गहराई, तार्किकता से युक्त भारतीय राजनीति में विकास की रूप रेखा और संभावना को समझने का महत्वपूर्ण संकलन है, जिसे कलम के धनी संजय द्विवेदी ने बहुत ही व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया है।
पुस्तक : मोदी युग, लेखक : संजय द्विवेदी, पहले पहल प्रकाशन, 25 ए, प्रेस काम्पलेक्स, एमपी नगर, भोपाल-462011