उज्जैन 07 नवम्बर मध्यप्रदेश के उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतिम दिन विश्वविख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा एवं राहुल शर्मा की प्रस्तुति अविस्मर्णिय बनी।
कालिदास अकादमी के भारत विशाला मंच द्वारा पिछले छ: दिनों से चल रहे इस समारोह के अंतिम दिन सांस्कृतिक संध्या पर कलाप्रेमी जनता के लिए चीर काल तक उनके मन में एक मिठी सी याद बन गई।
इस समारोह में विश्वविख्यात संतूर वादक पं. शिवकुमार शर्मा और राहुल शर्मा द्वारा अतुलनीय एवं अद्वितीय संतूर जुगलबंदी प्रस्तुत की गई।
जैसे ही कला के साधक शिवकुमार मंच पर आए कला के कद्रदानों खड़े होकर तालियों की गडगड़ाहट के साथ उनका अभिवादन किया।
दोनों कला के पुजारियों ने सहर्ष जनता का अभिवादन स्वीकार किया।
पंडित शर्मा ने कहा कि महाकाल की धरती पर प्रस्तुति देना बहुत खुशी की बात है।
जुगलबंदी कम ही किया करते हैं परंतु आज एक खास मौका है, इसलिए यह प्रस्तुति दी जा रही है।
इस जुगलबंदी में राग के द्वारा दो संतूर वादकों के मध्य वार्तालाप होता है।
प्रस्तुति के आरंभ में अलाप जोड़जाला और बाद में इसी राग में राग रागेश्वरी को तीन रचनाओं में प्रस्तुत किया जाएगा।
तबले पर पं. शिवकुमार शर्मा की संगत आदित्य कल्याण ने की और तानपुरे पर उनकी संगत जापान के ताई ईरे राई ने की।
पं. शिवकुमार शर्मा और राहूल शर्मा ने जैसे ही संतूर के तारों को छेड़ा वैसे ही मानो ऐसा लगा कि समय रूक गया हो।