लखनऊ ... उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा योजनान्तर्गत ग्रामीण हाटों के संचालन एवं रखरखाव से सम्बन्धित सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि ग्रामीण हाटों के आवंटन मे स्वयं सहायता समूहो को प्राथमिकता दी जाय, यह महिला सशक्तिकरण की दिशा मे महत्वपूर्ण कदम होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने एवं रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से मनरेगा योजनान्तर्गत संचालित ग्रामीण हाटों के संचालन एवं क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश शासन ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जिलाधिकारियो को भेजे गये पत्र मे कहा गया है कि ग्रामीण हाट के संचालन एवं स्थल चयन हेतु खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान एवं ग्राम सचिव की संयुक्त समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा हाट स्थल का चयन एवं संचालन सम्बन्धी सभी कार्य सुनिश्चित किए जाएंगे।
गांव के सबसे गरीब एवं बाजार लगाने के इच्छुक निवासियों को हाट में दुकान आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही स्वयं सहायता समूहों को भी प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।
हाट संचालन से प्राप्त किराये की आय ग्राम पंचायत के खाते में सुरक्षित रखी जाएगी तथा उक्त आय का उपयोग हाट की संरचना के रखरखाव, सुरक्षा एवं विकास कार्यों में किया जाएगा। ग्रामीण हाट की परिसंपत्ति का स्वामित्व ग्राम पंचायत के पास रहेगा, जिसे न तो बेचा जा सकेगा और न ही किसी अन्य स्वरूप में परिवर्तित किया जा सकेगा। यह परिसंपत्ति सदैव ग्राम की सार्वजनिक संपत्ति मानी जाएगी।
प्रत्येक वर्ष ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीण हाट दुकानों के आवंटन एवं संचालन की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को दुकान आवंटन से संबंधित निर्णय पर आपत्ति हो, तो वह मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष शिकायत प्रस्तुत कर सकता है, जिनका निर्णय अंतिम माना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण हॉट निर्माण में बनाये जाने वाली अवसंरचनाओं मे प्रदेश स्तर पर अब तक 474 ग्रामीण हॉट निर्माण संबंधी कार्य कराये गये हैं, किन्तु ग्रामीण हाट निर्माण के उपरांत हॉट के संचालन के संबंध में स्पष्ट निर्देश न होने के दृष्टिगत परिसम्पत्ति सृजन के उपरांत संचालित होने में कठिनाई आ रही थी।