लखनऊ ... उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र मे किसानो व उद्यमियो की आमदनी बढ़ाने तथा युवाओं के लिए रोजगार की अपार सम्भावनायें है।
उन्होने खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिये हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत दी जा रही सुविधाओं तथा प्रदत्त व प्राविधानित अनुदान आदि के बारे मे लोगो को जागरूक व प्रेरित किया जाय, ताकि अधिक से अधिक उद्यम स्थापित हो सकें। इस दिशा मे उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा बहुत तेजी से कार्य किया जा रहा है।उन्होंने निर्देश दिये हैं कि उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर किसानो के उत्पादो का अधिक से अधिक दाम दिलायें।विकसित भारत के निर्माण मे खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान रहेगा।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगातार स्वीकृति मिल रही है और उत्तर प्रदेश निवेशकों की पसंद बन रहा है। खाद्य प्रसंस्करण से किसानो व युवाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार के ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 से उद्यमियों को नये आयाम मिल रहे हैं।खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र मे रोजगार की अपार सम्भावनायें हैं। नीति से स्थानीय किसानों को मिलेगा लाभ मिलेगा और गांव-गांव तक औद्योगिक समन्वय पहुंच रहा है।यूपी मे फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बनेगी निवेश व रोजगार का नया केंद्र - बन रह है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा देश की सर्वोत्तम उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के माध्यम से प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनायें संचालित है। इस योजना में फल एवं सब्जी प्रसंस्करण, दुग्ध प्रसंस्करण, रेडी टू इट/रेडी टू कुक खाद्य पदार्थ/ ब्रेक फास्ट सिरियल्स/स्नैक्स/बेकरी एवं अन्य खाद्य पदार्थ, अनाज / दाल एवं तिलहन प्रसंस्करण, अन्य कृषि/बागवानी उत्पाद-स्पाइस, सोयाबीन, मशरूम प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, कोको उत्पाद, गुड आधारित वैल्यू एडेड उत्पाद, फूट जूस/पल्पस तैयार कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, अन्य क्षेत्र के खाद्य उत्पादों जो मानव उपयोग के लिए उपयुक्त हैं, एवं मुर्गी/ मछली चारा निर्माण इकाई जैसे सेक्टर्स आच्छादित है।