नयी दिल्ली.... दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तेजी से विमान सेवा कंपनियों के लिए हब के तौर पर उभर रहा है और सितंबर 2024 से अगस्त 2025 के दौरान यहां अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट साल-दर-साल 34 प्रतिशत बढ़ा।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सितंबर 2024 से अगस्त 2024 के बीच इस एयरपोर्ट पर ट्रांजिट यात्रियों की संख्या 6.7 लाख रही, जो इससे पहले के एक साल की तुलना में 34 फीसदी अधिक है। सितंबर 2023 से अगस्त 2024 के बीच यह ट्रांजिट यात्रियों की संख्या 4.98 लाख रही थी।
अगस्त 2025 को समाप्त एक साल के दौरान पूरब के देशों से आकर पश्चिम के देशों में जाने वाले यात्रियों की संख्या 34 प्रतिशत और पश्चिम के आकर पूरब की तरफ जाने वाले यात्रियों की संख्या 35 प्रतिशत बढ़ी।
अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आयटा) के आंकड़ों का हवाला देते हुए डायल ने बताया कि ट्रांजिट यात्रियों में 67 प्रतिशत ने एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्रा की जबकि 25 प्रतिशत योगदान इंडिगो का रहा।
अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यात्री वे हैं, जो किसी दूसरे देश से आते हैं तथा किसी और फ्लाइट से किसी तीसरे देश को जाते हैं।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि यूरोप, पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में फैले अपने बेजोड़ नेटवर्क के साथ दिल्ली हवाई अड्डा वैश्विक विमानन मानचित्र पर देश की स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है। लंदन की व्यावसायिक यात्रा हो, बैंकॉक का पर्यटन हो, या टोक्यो के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान, दिल्ली हवाई अड्डा भारत को दुनिया से जोड़ता है, पूर्व और पश्चिम के बीच वास्तविक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। पूर्व से आकर पश्चिम जाने वाले यात्रियों की आवाजाही में तेज वृद्धि, एक वैश्विक ट्रांजिट/ट्रांसफर केंद्र के रूप में हवाई अड्डे की बढ़ती भूमिका का एक मजबूत प्रमाण है।
दिल्ली हवाई अड्डे से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सबसे अधिक उड़ाने थाईलैंड के लिए (सप्ताह में 120) हैं। थाईलैंड से इतर, एयर इंडिया मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर के लिए 16 नवंबर से और इंडोनेशिया के देनपसार के लिए एक दिसंबर से उड़ानों की साप्ताहिक संख्या सात से बढ़ाकर 10 कर रही है।
इंडिगो ने भी 20 दिसंबर से दिल्ली से वियतनाम के हनोई के लिए दैनिक उड़ानें शुरू करने की घोषणा की है। चीन के गुवांग्झो के लिए वह 10 नवंबर से दैनिक उड़ान शुरू करेगी।
भारत से जापान जाने वाली 70 प्रतिशत उड़ानें (सप्ताह में 28) दिल्ली से जाती हैं। इसी प्रकार ब्रिटेन जाने वाली उड़ानों में दिल्ली की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत (सप्ताह में 63) और थाईलैंड जाने वाली उड़ानों में 26 प्रतिशत (सप्ताह में 120) है।