नयी दिल्ली .... उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फोरेंसिक विज्ञान को न्याय की आधारशिला करार देते हुए कहा है कि इससे मिलने वाले तथ्य अटकलबाजियों पर विराम लगाते हैं।
उप राष्ट्रपति ने शुक्रवार को गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों और छात्रों को संबोधित करते हुए न्याय प्रणाली में फोरेंसिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा, “ फोरेंसिक विज्ञान अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सिर्फ एक उपकरण से कहीं अधिक है। यह निर्दोष साबित करने में भी महत्वपूर्ण है। जो समाज किसी निर्दोष व्यक्ति की चीख नहीं सुन पाता, उसका पतन निश्चित है।”
श्री धनखड़ ने फोरेंसिक विज्ञान को न्याय की आधारशिला बताते हुए कहा “ फोरेंसिक विज्ञान केवल तकनीकी क्षेत्र नहीं है, यह न्याय की आधारशिला है। यह सुनिश्चित करता है कि साक्ष्य राय से ज़्यादा ज़ोर से बोलते हैं और तथ्य अटकलों पर भारी होते हैं।”
उप राष्ट्रपति ने न्याय में गड़बड़ी को रोकने में फोरेंसिक विज्ञान की अपरिहार्यता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करता है कि दोषियों को दंडित किया जाए और निर्दोषों की रक्षा की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून के शासन में नागरिकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान का क्षेत्र महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि न्याय का उल्लंघन समाज के लिए बेहद निराशाजनक है और इसे केवल फोरेंसिक विज्ञान के इस्तेमाल से ही टाला जा सकता है।
जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकीय हरास जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में फोरेंसिक विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने, वन्यजीवों के अवैध शिकार पर नज़र रखने और पर्यावरणीय नियमों के पालन में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के खिलाफ चेतावनी देते हुए उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए ग्रह की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और इसके संरक्षण तथा सुधार को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान किया।