कोलंबो। श्रीलंका ने आलू पर खाद्य आयात कर को बढ़ाकर लगभग 60 हज़ार लंकाई रुपये प्रति टन (लगभग 205 अमेरिकी डॉलर) कर दिया है, लेकिन प्याज पर कर को 40 हज़ार रुपये प्रति टन से घटाकर 10 हज़ार रुपये (लगभग 34 डॉलर) कर दिया है। सरकारी गजट अधिसूचना से यह जानकारी मिली है। इकोनॉमीनेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स एक से 31 दिसंबर तक लागू होंगे। गौरतलब है कि श्रीलंका में खाद्य कर दुनिया में सबसे अधिक है, जिसमें चावल पर 65 हज़ार रुपये प्रति टन (292 रुपये प्रति डॉलर पर लगभग 222 अमेरिकी डॉलर) शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोचकों के अनुसार, श्रीलंका में अकुशल खेती को बढ़ावा देने और बच्चों के कुपोषण पर उत्पादकों का पक्ष लेने की लंबे समय से नीति रही है, जबकि कलेक्टरों के तथाकथित माफिया का निर्माण किया गया है। डिब्बाबंद मछली की तरह दूध पर भी भारी कर लगाया जाता है, जिसका उपयोग गरीब घरों में रेफ्रिजरेटर के बिना किया जाता है। श्रीलंका मक्के पर भी कर लगाता है और आयात लाइसेंस देता है, जिससे अंडे और चिकन मांस जैसे बुनियादी प्रोटीन की लागत बढ़ जाती है।