नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल में संसद में जो बयान दिया है, उसमें स्पष्टीकरण का मौका नहीं दिया गया है इसलिए इस मुद्दे पर संसद में व्यापक चर्चा की जानी चाहिए। पार्टी ने कहा है कि चीन के साथ सीमा पर विवाद की जो स्थिति है, उसमें चीन की तरफ से किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। हाल के वर्षों में चीन के साथ हमारी आर्थिक निर्भरता बढ़ी है, इसलिए संसद में इस मुद्दे पर रणनीतिक और आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार को चर्चा करानी चाहिए और जो सवाल इस मुद्दे पर आए उन पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा, “हमें विदेश मंत्री के बयान पर किसी भी तरह के स्पष्टीकरण की मांग नहीं रखने दी गई थी। संसद को चीन के साथ सीमा पर चुनौतियों से निपटने के सामूहिक संकल्प पर बात करने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून 2020 को चीन को लेकर बयान दिया था कि हमारी सीमा में 'ना कोई घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है' यह बयान असत्य था जिससे भारत की स्थिति कमजोर हुई थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने इस साल अक्टूबर में एक बयान में कहा था कि हम 2020 से पूर्व की स्थिति में वापस आना चाहते हैं और उसके बाद ही सैनिकों की वापसी, सीमा पर तनाव कम करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ‘नॉर्मल मैनेजमेंट’ की बात करेंगे। विदेश मंत्री ने संसद के इसी सत्र में बयान दिया है कि चीन के साथ हाल में हुई भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 32वीं बैठक में हुई बातचीत 2020 की स्थिति का समाधान करने वाली है। कांग्रेस नेता ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर विवाद को लेकर विदेश मंत्री ने जो बयान दिया है, उसमें यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि स्थिति में क्या बदलाव आया है, इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करानी चाहिए।