नयी दिल्ली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने मंगलवार को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को मजबूत करने के प्रयासों के तहत पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के ग्रामीण स्वच्छता विभाग के प्रभारी राज्य मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। श्री पाटिल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हम जो रास्ता तय करेंगे वह स्वच्छ, स्वस्थ भारत का भविष्य तय करेगा। सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की कार्यक्षमता को मजबूत करना और परिसंपत्ति प्रबंधन को बढाने के साथ ही प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में नवाचार करने की जरूरत है। राज्यों को समुदाय के नेतृत्व वाले दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के प्रयास तेज करने चाहिए और महिला स्वयं सहायता समूह, स्थानीय नेता और निजी क्षेत्र के उद्यमों को इसमें सक्रिय करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा “स्वच्छता लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए एक आंदोलन है और इसमें सबकी भागीदारी से वास्तविक बदलाव लाएगा। स्वच्छता और सतत विकास. ओडीएफ प्लस मॉडल गांवों को बढ़ावा देकर अगले मिशन की तरफ तेजी से कदम रखना है। जरूरत हर गांव को स्वच्छता, लचीलेपन और सतत विकास का एक उदाहरण बनाना है। समीक्षा बैठक में चार राज्यों में हुए कामकाज को लेकर कहा गया कि कि मध्य प्रदेश में 99 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं और 95 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस मॉडल स्थिति तक पहुंच गए हैं। राज्य में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पहल लागू की गई है जिसमें आरआरडीए भोपाल के साथ समझौता ज्ञापन भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में 98 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं और इसके लिए एक लाख से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। बिहार में 92 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं जिनमें ग्रे वाटर और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कवरेज क्रमशः 91 और 80 प्रतिशत है। पंजाब में 98 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं जबकि 87 प्रतिशत गांव ग्रे वाटर प्रबंधन से संतृप्त हैं।