शिवपुरी। शहर की पोहरी रोड स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज का एक हिस्सा निर्माण के दौरान अचानक ढह गया। यह हादसा शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को हुआ। गनीमत रही कि हादसे में कोई जानमाल की गंभीर हानि नहीं हुई, लेकिन छह मजदूरों को हल्की चोटें आईं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब स्लैब की कास्टिंग का कार्य चल रहा था, उसी समय बाइब्रेशन के चलते पूरा स्लैब नीचे गिर गया। करीब चार से पांच मजदूर स्लैब के साथ नीचे आ गिरे, लेकिन सौभाग्यवश कोई मलबे के नीचे नहीं दबा। मौके पर पहुंचे शुभम कंस्ट्रक्शन कंपनी के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर प्रवीण पांडे ने माना कि निर्माण में तकनीकी मानकों की अनदेखी की गई थी।
प्रवीण पांडे ने बताया कि जहां स्लैब में 90 डिग्री का बेंड लगाना था, वहां गलती से 135 डिग्री का बेंड लगा दिया गया था, जिससे स्लैब कमजोर हो गया और ढह गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हादसे के वक्त स्लैब में कंक्रीट डाली जा रही थी और उसी समय कंपन (vibration) के कारण संरचना ध्वस्त हो गई।
हालांकि, अगली सुबह मौके पर पहुंचे पीडब्ल्यूडी के सब-इंजीनियर रविंद्र शर्मा ने पूरी कहानी ही बदल दी। उन्होंने दावा किया कि स्लैब को जानबूझकर गिराया गया था, क्योंकि इसकी कास्टिंग में दरारें आ गई थीं। उनके मुताबिक, भोपाल से आए ईई जोगिंदर यादव के निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया गया कि स्लैब को तोड़कर पुनः निर्माण किया जाए।
लेकिन घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने यह कहा कि रात में कोई भी अधिकारी मौके पर नजर नहीं आया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि यह कथित ‘सावधानी’ थी या हादसे को छिपाने की कोशिश?
फिलहाल, इस घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और जिम्मेदार अधिकारियों के दावों में विरोधाभास ने मामले को और संदिग्ध बना दिया है।