नयी दिल्ली.... दिल्ली सरकार ने कक्षा एक से लेकर आठ तक के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को सशक्त बनाने हेतु "निपुण संकल्प" योजना की शुरुआत की है।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गुरूवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे सेवा पखवाड़े के अवसर पर यहां जनकपुरी में सर्वोदय कन्या विद्यालय में दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति निपुण संकल्प योजना के तहत पहली निपुण शाला का लोकार्पण किया गया। यह निपुण शाला बच्चों की मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) को सुदृढ़ बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है।
दिल्ली सरकार ने कक्षाओं एक से आठ के विद्यार्थियों के लिए प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को सशक्त बनाने हेतु "निपुण संकल्प" योजना की शुरुआत की है। रोटरी क्लब के सहयोग से स्थापित यह निपुण शाला बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार और सर्वेक्षण के परिणामों को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले तीन वर्षों में राजधानी का प्रत्येक विद्यालय निपुण सर्टिफाइड स्कूल बने। निपुण शाला की यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ सेवा पखवाडे की भावना को और मजबूत करती है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया की निपुण संकल्प योजना के माध्यम से दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी की दिल्ली के हरेक सरकारी स्कूल का हर बच्चा प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में दक्ष बने। यह कार्यक्रम न केवल बच्चों को सीखने में मदद करेगा बल्कि उनको उच्च शिक्षा में सफलता के लिए तैयार भी करेगा।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हर कक्षा स्मार्ट क्लासरूम बने, बच्चे तकनीक और एआई की समझ के साथ आगे बढ़ें। आने वाले समय में दिल्ली के बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एआई एम्बेसडर बनकर देश का प्रतिनिधित्व करें यह हमारी कल्पना है।
उन्होंने यह भी बताया की दिल्ली में पिछले कई वर्षों से शिक्षा के नाम पर एक झूठा नैरेटिव गढ़ा गया। कुछ इमारतें दिखाकर कहा गया कि शिक्षा में क्रांति हो गई है लेकिन शिक्षा का असली परिवर्तन तब होगा जब बच्चों की वास्तविक शिक्षा और समझ में सुधार होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा की दिल्ली सरकार का संकल्प है कि अगले पाँच वर्षों में दिल्ली के हर सरकारी स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाया जाए। लगभग 21,000 कक्षाओं में स्मार्ट ब्लैकबोर्ड लगाए जा चुके हैं और बाकी 17,000 कक्षाओं में भी शीघ्र ही लगेंगे। दिल्ली के हर बच्चे को क्रोमबुक, स्मार्ट क्लासरूम और तकनीकी शिक्षा का अनुभव मिलेगा। सरकारी स्कूलों में वही सुविधाएँ मिलेंगी जिनके लिए दिल्ली वाले आज निजी स्कूलों में बड़ी फीस चुकाते हैं।