नई दिल्ल्ली ....। तेजस मार्क 2 फाइटर जेट के लिए पूरी तरह मेड इन इंडिया इंजन बनाने की पेशकश कर रहे हैं। यानी की अब अमेरिकी जीईएफ इंजन के कॉन्ट्रैक्ट पर सबसे बड़ा खतरा मंडराने लगा है। यही वो चाल है जिसने अमेरिका को सकते में डाल दिया है और फ्रांस को गुपचुप तरीके से बड़ी वापसी का मौका दे दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप बार बार कहते हैं कि आई हैग गॉट ऑल द कार्ड्स यानी सारे पत्ते मेरे पास हैं। लेकिन अब दुनिया भी देख रही है कि भारत ने भी अपना असली ट्रंप कार्ड खेल दिया है। खबर ये है कि भारत फ्रांस की साफरन कंपनी के उस ऑफर पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है, जिसमें वो तेजस मार्क 2 फाइटर जेट के लिए पूरी तरह मेड इन इंडिया इंजन बनाने की पेशकश कर रहे हैं। यानी की अब अमेरिकी जीईएफ इंजन के कॉन्ट्रैक्ट पर सबसे बड़ा खतरा मंडराने लगा है। यही वो चाल है जिसने अमेरिका को सकते में डाल दिया है और फ्रांस को गुपचुप तरीके से बड़ी वापसी का मौका दे दिया है। आपको बता दें कि फ्रेंच एयरोस्पेस जाइंट साफरन ने भारत सरकार और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ऑफर दिया है कि तेजस मार्क 2 के लिए वे एक बिल्कुल नया इंजन बनाएंगे। जिसकी पूरी मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में होगी। सिर्फ इतना ही नहीं साफरन ने साफ कहा कि वे टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी देंगे। यानी इंजन की पूरी कोर टेक्नोलॉजी भारत को मिल सकती है। वो टेक्नोलॉजी जिसे अमेरिका आज तक किसी को आसानी से नहीं दे सकता है। आपको बता दें कि साफरान पहले से ही भारत के साथ काम कर रहा है। डीआरडीओ-जीटीआरई के साथ मिलकर 120 केएन का अगली पीढ़ी का इंजन विकसित करने का प्रोजेक्ट चल रहा है। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि यह 80 फीासद प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ जीईएफ 414 इंजनों के सह-उत्पादन के लिए 2023 में हस्ताक्षरित मौजूदा समझौता ज्ञापन को रद्द करने का संकेत नहीं है, हालांकि सितंबर 2025 तक वाणिज्यिक वार्ताएं जारी हैं, और 99 इंजनों के लिए अभी तक कोई अंतिम हस्ताक्षरित सौदा या निर्दिष्ट मूल्य की पुष्टि नहीं हुई है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि व्यापक भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के संदर्भ में सफ्रान के प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है। अमेरिकी निर्यात नियंत्रण और प्रमाणन संबंधी मुद्दों से तनाव पैदा हो गया है, जिसका असर भारतीय वायु सेना में तेजस जेट विमानों के समय पर शामिल होने पर पड़ रहा है।