नई दिल्ली .... चीन अब विश्व व्यापार संगठन के समझौतों में विकासशील देशों को दिए जाने वाले विशेष सुविधाओं की मांग नहीं करेगा। चीन के रुख में यह एक ऐसा बदलाव है। इसकी मांग अमेरिका लंबे समय से कर रहा था। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यह कदम ऐसे समय में वैश्विक व्यापार प्रणाली को बढ़ावा देने का प्रयास है, जब यह टैरिफ युद्धों और अलग-अलग देशों द्वारा आयात को प्रतिबंधित करने के संरक्षणवादी कदमों से खतरे में है। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया, न ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा इस वर्ष चीन सहित कई अन्य देशों पर टैरिफ लगाए जाने का उल्लेख किया। अमेरिका लंबे समय से यह तर्क देता रहा है कि चीन को विकासशील देश का दर्जा छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। विश्व व्यापार संगठन में इस दर्जे के फायदों में आयात के लिए अपने बाजार खोलने की कम जरूरतें और बाज़ार खोलने के ऐसे कदमों को लागू करने के लिए लंबी संक्रमण अवधि शामिल है।