नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'अमृतकाल' के विचार के अंतर्गत यह समय हमारी गौरवशाली विरासत को सहेजने तथा उसे नयी पीढ़ी तक पहुंचाने का है और इस दिशा में 'समर गाथा' एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो युवाओं को इतिहास से जुड़ने एवं देशभक्ति की भावना को प्रबल करने में सहायक होगी। श्री प्रधान ने गुरुवार देर शाम यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार स्व. नरेंद्र जैन- नंदाजी के लेखों पर आधारित पुस्तक 'समर गाथा' का विमोचन किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा की नंदाजी ने अपने लेखों के माध्यम से न केवल इतिहास के पन्नों को जीवंत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति और संघर्ष की प्रेरणा भी दी है। नंदाजी की यह पुस्तक उनके अमूल्य लेखन का संग्रह है, जिसमें उन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अनेक अनसुने पहलुओं को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का कोई ऐसा जिला, कोई गाँव नहीं होगा जहाँ स्वतंत्रता संग्रामियों की वीर गाथाएँ न हो। देश के हर अंचल में ऐसी अनकही कहानियाँ हैं। प्रधानमंत्री के प्रयासों से ऐसे अनगिनत गुमनाम नायकों को राष्ट्रीय स्तर पर सामने लाया जा रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग के सदस्य धन्य कुमार जिनाप्पा गुंडे जी, मध्य प्रदेश प्रशासनिक सुधार आयोग के सदस्य मनोज श्रीवास्तव ने भी नंदाजी के लेखों की सराहना की और बताया कि कैसे देश के अनेक गुमनाम शहीदों को हमें याद करने की आवश्यकता है। पुस्तक के संपादक डॉ. पियूष जैन और प्रभात प्रकाशन के संस्थापक प्रभात कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।