नयी दिल्ली.... कांग्रेस ने कहा है कि रूस भारत का सबसे भरोसेमंद मित्र रहा है लेकिन इधर उसकी नीति में बदलाव आया है और उसने भारत से मित्रता को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान को उसके चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के वास्ते उन्नत आरडी-93 एमए इंजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने अपने बयान में इसे चिंताजनक स्थिति बताते हुए कहा है कि रूस भारत की तमाम अपीलों को दरकिनार कर कैसे पाकिस्तान के करीब पहुंच रहा है और उसके विमानों के लिए उन्नत इंजन उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि रूस ने चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत आरडी-93एमए इंजन की आपूर्ति क्यों शुरू कर दी?
श्री रमेश ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि रूस हमेशा भारत का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार रहा है लेकिन अब उसने भारत की तमाम अपील को नज़रअंदाज़ करते हुए पाकिस्तान के चीन निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमानों के लिए उन्नत आरडी-93एमए इंजन की आपूर्ति शुरू कर दी है। इस विमान का नवीनतम ब्लॉक-3 संस्करण इसके अपग्रेडेड इंजन और उन पीएल-15 मिसाइलों से लैस होगा, जिसके बारे में माना जाता है कि पाकिस्तान ने इसका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ किया था।
भारत के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी कहा है कि जेएफ-17 उन पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों में शामिल हो सकता है जिन्हें भारतीय वायु सेना ने इस साल मई में मार गिराया था।
श्री रमेश ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह सौदा जून 2025 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सीधे हस्तक्षेप के बावजूद आगे बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को देश को बताना चाहिए कि आखिर क्यों रूस जैसा पुराना और भरोसेमंद सहयोगी अब पाकिस्तान को सैन्य सहयोग दे रहा है, जबकि भारत अब भी रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है और एसयू-57 स्टेल्थ फाइटर विमानों पर बातचीत कर रहा है।
श्री रमेश ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक विफलता बताया और कहा, ''यह घटनाक्रम श्री मोदी की उस व्यक्तिगत कूटनीति की एक और नाकामी को उजागर करता है, जो राष्ट्रीय हितों से अधिक छवि निर्माण और वैश्विक तमाशे को प्राथमिकता देती रही है। वर्षों से चले आ रहे हाई-प्रोफाइल शिखर सम्मेलन, सुनियोजित फोटो के अवसर और विश्व मंच पर दिखावे के बावजूद कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं।''
उन्होंने कहा कि भारत अब तक पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने में नाकाम रहा है। इसके बजाय, पाकिस्तान का शीर्ष नेतृत्व -जिसमें उसका सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी शामिल है, जिसे पहलगाम हमले का सूत्रधार माना जाता है-आज राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सम्मान पा रहा है। पाकिस्तान को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा हथियार मुहैया कराए जा रहे हैं, जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन का पूरा समर्थन प्राप्त था।