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डॉ. सिंह ने शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) के दीक्षांत समारोह में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को डिग्री प्रदान की और डॉक्टरों की नयी पीढ़ी से आग्रह किया कि वे करुणा में निहित रहते हुए नवाचार को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत में चिकित्सा शिक्षा में मूलभूत परिवर्तन आया है और मेडिकल कॉलेजों और प्रशिक्षण के अवसरों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, "दस साल पहले, केवल लगभग 45 हजार स्नातक चिकित्सा सीटें थीं; आज यह संख्या लगभग डेढ़ लाख है।" उन्होंने कहा कि एम्स जैसे संस्थानों के विस्तार ने विभिन्न क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाया है और अधिक महिलाओं को चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने में सक्षम बनाया है।
डॉ. सिंह ने बताया कि कैसे भारत में स्वास्थ्य बीमा पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करने के लिए विकसित हुआ है - इस बदलाव को उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति में "सबसे मानवीय नवाचारों में से एक" बताया। उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी एंटीबायोटिक 'नैफिथ्रोमाइसिन' और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हीमोफीलिया के लिए जीन थेरेपी के सफल परीक्षणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसी सफलताएँ निवारक और चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवा में भारत के अग्रणी के रूप में उभरने को दर्शाती हैं।
उन्होंने यूसीएमएस और इसी तरह के संस्थानों से उन्नत नैदानिक परीक्षणों और अनुसंधान में निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों को उद्योग और सरकारी प्रयोगशालाओं के साथ एकीकृत होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "अलग-अलग काम करने का युग अब समाप्त हो गया है।"
डॉ.सिंह ने कहा कि आज के डॉक्टरों को "द्वि-चरणीय रोग स्पेक्ट्रम" — संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों का सह-अस्तित्व — के साथ-साथ बढ़ती उम्र की आबादी और तेज़ी से बदलते तकनीकी बदलावों से निपटना होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का एकीकरण, जिसका उन्होंने स्वयं टेली-मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से प्रयोग किया है, निदान और रोगी देखभाल को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "एआई रोगी की अपनी भाषा में संवाद कर सकता है और मानवीय संवाद के माध्यम से आराम भी प्रदान कर सकता है।"
                                            
                                            
                                             
                                            
                                            
                                                
                                            
                                            
                                            