नई दिल्ली .... दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जब पढ़े-लिखे आतंकवादी बन जाते हैं तो वे ओवरग्राउंड वर्कर्स से ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। पुलिस ने कहा कि डॉक्टरों और इंजीनियरों के लिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होना अब एक ट्रेंड बन गया है। ये लोग सरकारी पैसों का इस्तेमाल करके पढ़ाई करते हैं फिर एंटी नेशनल एक्टिविटी में शामिल हो जाते हैं।
दिल्ली पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम के भड़काऊ भाषणों के वीडियो पेश किए। वीडियो में शरजील इमाम नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देते हुए दिख रहा है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इन भाषणों से माहौल बिगड़ा और लोगों को उकसाने का काम हुआ। शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान ऐसे भाषण दिए, जिसने हिंसा भड़काने का काम किया। शरजील इमाम इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है। दिल्ली दंगे को पूरे भारत में फैलाने की कोशिश की गई थी और इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचना था। आरोपियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय ही हिंसा भड़काने की योजना बनाई थी। जिससे कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा जा सके। यह एक साजिश थी। यह एक गहरी, सुनियोजित और सोची-समझी साजिश थी। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई, और सैकड़ों करोड़ों रुपयों की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इस हिंसा से जुड़े 753 एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गईं। पुलिस ने ये भी दावा किया कि जांच के दौरान मिले चैट मैसेज और अन्य डिजिटल सबूतों से पता चला है कि दंगों की योजना केवल दिल्ली तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसे देशभर में फैलाने की कोशिश की गई थी। इससे पहले 30 अक्तूबर को दिल्ली पुलिस ने 2020 दिल्ली दंगों के आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी।