कौंधियारा,प्रयागराज(डीएनएन)।बेमौसम बारिश की वजह से धान खरीदी व संग्रहण केंद्रों में पड़े हजारों क्विंटल धान के खराब होने का खतरा बढ़ गया है।अभी तक जहां गुलाबी ठंड का एहसास हो रहा था वहीं बारिश के चलते ठंड में इजाफा हुआ है।तापमान में भी तीन से चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।ऐसे में आगले दो से तीन दिन में ठंड तेजी से बढ़ेगी।संग्रहण केंद्रों के लिए अभी मिलर के द्वारा धान का उठाव शुरु नहीं किया गया है,वहीं किसानों ने भी धान की कटाई पूरी नहीं की है।पूरे प्रयागराज में गुरुवार को सुबह से ही सभी स्थानों पर बारिश हुई,जिसके चलते किसानों की फसल का नुकसान होना तय माना जा रहा है।
अगले दो दिसंबर तक मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी दी गई है।ऐसे में किसान फसल को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं।पानी में भीग जाने से अब धान की क्वालिटी न सिर्फ खराब होगी,बल्कि उसकी कटाई महंगी पड़ेगी, क्योंकि धान के जमीन पर गिर जाने की वजह से अब उसकी मशीन से कटाई नहीं हो सकेगी। उसे श्रमिक ही निकाल पाएंगे।वहीं नमी के चलते धान खरीदी भी रिजेक्ट की जा सकती है।
समूचे क्षेत्र में धान की फसल पक कर कटने को तैयार हो चुकी है।अधिकांश जगह कटाई खत्म भी हो चुकी है।कहीं- कहीं कटे हुए धान के पौधे खेतों में पड़े हुए हैं।ऐसी स्थिति मे अचानक मौसम बिगड़ने से क्षेत्र के किसानों को चिंता सताने लगी है,कि यदि यही हाल अगले दो चार दिन और रहा तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
कौंधियारा विकासखण्ड के अंतर्गत जोकनई,सोढिया,जेठूपुर,बमोखर,मुवैया आदि गांवों की कई बीघे की फसल जलमग्न हो गयी है,बरसात के कारण खेतों में धान के पौधे गिर गए हैं।बारिश की पानी से कटी हुए फसल के सड़ने एवं फसल में दाग होने की भी आशंका है।हालांकि किसान कटी हुई फसल को किसी भी तरह बारिश की पानी से बचाने का प्रयास कर रहे हैं पर सफल नहीं हो पा रहे हैं।
फसल कटने के समय प्रकृति के इस प्रकोप का सामना किसानों को करना पड़ रहा है।मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार तक बारिश होने की पूरी संभावना है।ऐसे में किसानों के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।क्षेत्र के किसानों ने करीब 90 फीसदी फसल काट लिया है,लेकिन उनमें से कई किसानों ने किसी कारणवश धान को खलिहान तक नहीं पहुंचा पाए हैं,कई किसानों ने थ्रेसर से मिंजाई के लिए खेतों में भी धान का भण्डारण कर रखा है,बारिश होने की वजह से उनकी बालियों के सड़ने व अंकुरण का खतरा रहेगा।
तत्कालिक तौर पर जमीन गीली होने से धान को उठाना और मिंजाई भी संभव नहीं होगा।बेमौसम बारिश से सब्जियों की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।मिट्टी में नमी के कारण गोभी,कद्दू,लौकी जैसे कई सब्जियों में कीट लगने की संभावना है।
अमित पाण्डेय✍️