वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों के साथ कैदियों की अदला-बदली पर एक 'बड़ा समझौता' किया है। अमेरिका, रूस, जर्मनी और अन्य पश्चिमी देशों ने गुरुवार को 24 कैदियों की अदला-बदली के लिए एक समझौता किया है, जो शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से कैदियों की सबसे बड़ी अदला बदली समझौतों में से एक है। श्री ट्रंप ने जॉर्जिया के अटलांटा में एक अभियान कार्यक्रम में कहा, “वैसे, मैं व्लादिमीर पुतिन को एक और बड़ा सौदा करने के लिए बधाई देना चाहता हूं। साथ ही उन्होंने कैदियों की अदला-बदली की परिस्थितियों पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि इस सौदे में वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की ओर से “भयानक” गलतियाँ है। इससे पहले श्री ट्रंप ने यह समझौता करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन के प्रशासन की आलोचना की और इसके तथ्यों और रूस को नकद भुगतान की संभावना के बारे में सवाल पूछे।
रूस की संघीय सुरक्षा सेवा ने गुरुवार को पुष्टि की कि कई नाटो देशों में हिरासत में लिए गए आठ रूसी घर लौट आए हैं। उन्हें लेकर एक विमान गुरुवार देर रात अंकारा से मॉस्को के वनुकोवो-2 हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां श्री पुतिन ने उनका स्वागत किया। बदले में रूस ने 16 लोगों को रिहा कर दिया है, जिनमें सात रूसी और पांच जर्मन नागरिक शामिल हैं। एक रूसी खुफिया सूत्र ने गुरुवार को बताया कि घर लौटने वाले रूसियों की सूची में आर्टेम डुल्टसेव, अन्ना डुल्टसेवा, पावेल रूबत्सोव, वादिम कोनोशचेनोक, मिखाइल मिकुशिन, रोमन सेलेज़नेव, व्लादिस्लाव क्लाइशिन और कई नाबालिग बच्चे शामिल हैं। सूत्र ने बताया कि जर्मनी में आजीवन कारावास की सजा काट रहे रूसी नागरिक वादिम सोकोलोव, जिसे क्रासिकोव के नाम से भी जाना जाता है, भी स्वदेश लौट आया।