लखनऊ .... उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सात साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश में मंगलवार को सभी जिलों में आयुष्मान भारत दिवस मनाया गया।
सांची की सीईओ अर्चना वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने आयुष्मान भारत योजना में अपनी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। राज्य में अब तक कुल 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिससे उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है।
अर्चना वर्मा ने बताया कि राज्य के 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना 2011 के बाद, कई महत्वपूर्ण श्रेणियों के लाभार्थियों को योजना में शामिल किया गया है। इनमें कुम्भ वर्कर्स, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी, एनएफएसए डेटा, आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और सहायकाएं, अंत्योदय कार्ड धारक, अत्यंत पिछड़ी जनजातियाँ, और 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
अर्चना वर्मा ने बताया कि अब तक प्रदेश में 74.40 लाख लाभार्थियों को योजना के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है। इस पर कुल 12283 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उपचार सेवाओं की सहज उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 2921 सरकारी और 3088 निजी अस्पतालों सहित कुल 6099 चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है, जो पूरे देश में सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत तृतीयक उपचार सेवाओं पर अब तक 4200 करोड़ खर्च किए गए हैं, जिसमें कैंसर, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, अंग प्रत्यारोपण, शिशु कैंसर, प्लास्टिक सर्जरी और अन्य विशिष्ट उपचार शामिल हैं।
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने 23 सितंबर 2018 को शुरू किया था। अब यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन चुकी है। इस योजना का उद्देश्य गरीब, वंचित और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, और इसमें उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।