नई दिल्ल्ली .... कर्नाटक में सोमवार से सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है। इसे आमतौर पर जाति जनगणना कहा जाता है। हालांकि, प्रशिक्षण और तैयारी के चलते ग्रेटर बंगलूरू क्षेत्र में एक-दो दिन की देरी हो सकती है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग यह सर्वेक्षण करेगा। इसमें करीब 1.75 लाख लोग काम करेंगे, जिनमें ज्यादातर सरकारी स्कूल के शिक्षक होंगे। ये लोग करीब सात करोड़ लोगों की जानकारी एकत्र करेंगे। यह काम पूरे राज्य के करीब दो करोड़ घरों में किया जाएगा और प्रक्रिया सात अक्तूबर तक चलेगी।
सरकार ने बताया कि करीब 420 करोड़ रुपये की लागत से वैज्ञानिक तरीके से यह जाति जनगणना की जाएगी। इसके लिए 60 सवालों वाली एक प्रश्नावली तैयार की गई है। हालांकि, जातियों की सूची को लेकर कुछ आलोचनाएं और आपत्तियां आई हैं, खासकर कांग्रेस पार्टी के अंदर से। सूची में कुछ जातियां ऐसी हैं, जिनकी दोहरी पहचान है, जैसे कुरुबा क्रिश्चियन, ब्राह्मण क्रिश्चियन, वोक्कालिगा क्रिश्चियन आदि। आयोग ने बताया कि इन जातियों के नाम छिपाए जाएंगे, लेकिन उन्हें सूची से हटाया नहीं जाएगा। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मधुसूदन आर. नाइक ने बताया कि जातियों की सूची केवल गणना करने वालों की मदद के लिए बनाई गई है और इसका कोई कानूनी महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐप में इन 33 दोहरी पहचान वाली जातियों को नहीं दिखाया जाएगा, लेकिन लोग अपनी इच्छा से अपनी जाति बता सकते हैं। उन्होंने कहा, हमारी जाति जनगणना 22 सितंबर से शुरू होगी। हमने पूरी तैयारी कर ली है। लोगों में कुछ गलतफहमियां थीं, इसलिए हमने उन पर चर्चा की और जरूरी कदम उठाए। नाइक ने यह भी बताया कि जाति जनगणना के दौरान घरों को उनके बिजली मीटर नंबर से जोड़ा जाएगा और उन्हें एक विशिष्ट गृह पहचान संख्या दी जाएगी। राशन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी मोबाइल नंबर से लिंक की जाएगी। जो लोग जाति जनगणना के समय घर पर नहीं होंगे या समस्या होगी, उनके लिए एक हेल्पलाइन नंबर (8050770004) जारी किया गया है। लोग ऑनलाइन भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
सीएम स्टालिन बोले, मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा करेगी डीएमके : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन ने भाजपा और एआईएडीएमके पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने साफ कहा कि डीएमके हमेशा मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करेगी और उनके लिए नए अधिकार सुनिश्चित करने में सबसे आगे खड़ी रहेगी। स्टालिन ने भाजपा पर वक्फ कानून संशोधन को लेकर निशाना साधा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट से स्टे केवल डीएमके और अन्य दलों की कानूनी लड़ाई के कारण मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन मुस्लिमों के खिलाफ साजिश थी। उन्होंने कहा कि डीएमके की पहल से ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके विवादित प्रावधानों पर रोक लगाई। स्टालिन ने एआईएडीएमके पर आरोप लगाया कि उसने भाजपा के साथ मिलकर मुस्लिमों के हितों के साथ धोखा किया।