नयी दिल्ली,.... राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता एवं पर्यवेक्षण तंत्र को और अधिक बेहतर तथा विश्वसनीय बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण तथा रखरखाव के लिए पर्यवेक्षण संबंधी परामर्शदाता फर्मों के वास्ते एक 'इंजीनियर' के लिए अधिकतम 10 परियोजनाओं के पर्यवेक्षण की सीमा तय की है।
प्राधिकरण का कहना है कि प्रति 'इंजीनियर' के लिए परियोजनाओं की सीमा निर्धारित करने से परिचालन दक्षता बढेगी और राजमार्गों के रख-रखाव तथा उच्च गुणवत्ता वाला कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षित, सुचारू और निर्बाध यात्रा को सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि स्वतंत्र इंजीनियर, प्राधिकरण इंजीनियर या पर्यवेक्षण सलाहकार परामर्शदाता फर्में कई बार कई परियोजनाओं के पर्यवेक्षण का काम एक ही नामित 'इंजीनियर' को सौंपती हैं। सलाहकार टीम द्वारा किसी विशेष परियोजना को सौंपे गए नामित 'इंजीनियर' के माध्यम से कार्यों को नियंत्रित और पर्यवेक्षित किया जाता है। ऐसी स्थिति में अधिक संख्या में परियोजना होने पर नामित 'इंजीनियर' अनुबंध संबंधी दायित्वों का निर्वहन दक्षता के साथ पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, जिससे परियोजनाओं की गुणात्मक और मात्रात्मक निगरानी का उद्देश्य विफल हो जाता है।
नये दिशा निर्देश के अनुसार परामर्शदाता फर्म से नामित 'इंजीनियर' को हर महीने निर्धारित परियोजना स्थल का दौरा करना होगा और परामर्शक तथा सिविल अनुबंध प्रावधानों के अनुसार मासिक प्रगति रिपोर्ट में इनपुट प्रदान करना होंगे। प्रति 'इंजीनियर' अधिकतम दस परियोजनाओं का प्रतिबंध 60 दिनों के बाद लागू होगा, जिससे परामर्शदाता फर्मों को इस अवधि में उचित समायोजन करने का समय मिल जाएगा।