नई दिल्ली, 21 जून: आज देश और दुनिया में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी "योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ" यानी एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में करीब 3 लाख लोगों के साथ योग किया। यह आयोजन आरके बीच से लेकर भोगापुरम तक फैले 26 किलोमीटर के तटीय क्षेत्र में हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि,
“योग केवल एक्सरसाइज नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है।”
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, स्वास्थ्य राज्य मंत्री, और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोगों को योग अपनाने का संदेश दिया।
देश के अन्य नेताओं और राज्यों में भी बड़े स्तर पर योग कार्यक्रम हुए:
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में योग किया।
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राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने जैसलमेर में भाग लिया।
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मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने बधाई देते हुए कहा कि,
"भारत के प्राचीन ज्ञान से आज पूरी दुनिया परिचित हो रही है।"
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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चमोली में योग किया।
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हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और राज्यपाल बंदारू दत्तात्रेय ने कुरुक्षेत्र में स्वामी रामदेव के साथ योग किया।
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद, और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में योग किया।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में जवानों के साथ योग किया।
सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में दिखा योग का असर:
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जापान के टोक्यो में भारतीय दूतावास ने योग दिवस मनाया।
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भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने लेह की 14,000 फीट ऊंचाई पर पैंगोंग त्सो झील के किनारे योग किया।
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दुनियाभर के 180 देशों में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इतिहास:
इस दिन को पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था। साल 2014 में पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसका प्रस्ताव रखा था जिसे दुनियाभर का समर्थन मिला।
निष्कर्ष:
योग अब सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया की पहचान बन चुका है। यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का माध्यम है। योग दिवस पर पूरे भारत और दुनिया ने मिलकर यही संदेश दिया — स्वस्थ रहो, सजग रहो, योग से जुड़ो।