धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री के एक दिन बाद ही कुदरत का कहर टूट पड़ा। मंगलवार और बुधवार को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में भारी बारिश और बादल फटने से भारी तबाही मची। धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) से अब तक 4 मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कुछ लोग अभी भी लापता हैं।
प्रशासन के मुताबिक, मगूणी खड्ड के पास हाईड्रो प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर बाढ़ में बह गए। पहले करीब 15-20 लोगों के बहने की सूचना थी, लेकिन जांच के बाद पुष्टि हुई कि कुल 8 मजदूर बहे थे, जिनमें से 4 के शव बरामद हो चुके हैं।
कुल्लू में तबाही का मंजर
कुल्लू जिले के सैंज, बंजार, तीर्थन, सोलांगनाला और मणिकर्ण घाटी में भी बादल फटने से नदियां-नाले उफान पर आ गए। सैंज में जीवा नाले में आई बाढ़ से हाईड्रो प्रोजेक्ट के मजदूरों के लिए बने शेड बह गए। यहां एक घर भी सैलाब की चपेट में आ गया जिसमें पिता-पुत्री और एक महिला बह गई। उनका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। वहीं छोटा बेटा और पिता किसी तरह बच निकले।
अलर्ट जारी
राज्य में 28 और 29 जून को दोबारा भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के आसपास न जाएं और सावधानी बरतें।
निष्कर्ष:
हिमाचल में अभी मानसून की शुरुआत ही हुई है और कई जानें जा चुकी हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में सतर्कता और प्रशासन की मुस्तैदी ही जनहानि को रोक सकती है।