हाल के इंडिया बनाम इंग्लैंड टेस्ट मैच में, रविचंद्रन अश्विन ने अपनी पारी के दौरान एक महत्वपूर्ण गलती की वजह से चर्चा का केंद्र बन गए। इस गलती के कारण उन्हें और भारत को पांच रनों का जुर्माना लगा, जिससे खेल की गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा और इंग्लैंड को उनकी दूसरी पारी शुरू करने के लिए एक मुआवजा मिला, जिसमें उनका स्कोर 5/0 से आरंभ हुआ। यह घटना भारतीय पारी के 102वें ओवर के दौरान घटित हुई।
अश्विन, जिन्हें उनकी ऑल-राउंड क्षमताओं के लिए जाना जाता है, ने पहली पारी में 89 गेंदों पर 37 रनों का योगदान दिया था। हालांकि, उनकी खुद की बैटिंग के दौरान उन्होंने इस भूल को कर दिया। जब उन्होंने विकेट्स के बीच दौड़ने का प्रयास किया, तो फील्ड पर कार्रवाई करने वाले अंपायर जोएल विल्सन ने भारत पर पांच रनों का जुर्माना लगा दिया।
इस घटना का विवाद तब उत्पन्न हुआ जब लेग-स्पिनर एडिल रशीद ने एक फ्लाइटेड गेंद डाली और अश्विन ने सिंगल लेने के लिए पारी की ओर दौड़ा। हालांकि, नॉन-स्ट्राइकर ने उन्हें वापस भेज दिया और इसके परिणामस्वरूप अश्विन को अपनी राह में बदलना पड़ा, जिससे उन्होंने संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश किया।
अश्विन और अंपायर के बीच हुई विवाद ने काफी समय तक जारी रहा, लेकिन निर्णय में कोई बदलाव नहीं हुआ। अंपायर ने पांच रनों का मुक़ाबला करने का संकेत किया, जिसे इंग्लैंड के कुल स्कोर में जोड़ा जाएगा। इसे भारत के योग से काटा नहीं जाएगा। यदि इंग्लैंड पर संरक्षित क्षेत्र में दौड़ने के लिए पांच रनों का मुक़ाबला किया जाता होता, तो इसे उनके बैटिंग स्कोर में जोड़ा जाता।
इस घटना ने खेल के बीच दौड़ते समय की जटिलताओं और संरक्षित क्षेत्र के नियमों के प्रभावों को हाइलाइट किया और खिलाड़ियों को यहां कानूनों का पालन करने की आवश्यकता है। यह भी दिखाता है कि अंपायरों का कितना महत्वपूर्ण भूमिका है, जो नियमों का पालन करने में सक्षम होते हैं और खेल की ईमानदारी की रक्षा करते हैं। इस घटना ने मैच शृंगार के चरण को और भी रोचक बना दिया और इंडिया बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को और भी दिलचस्प बना दिया।
यह वार्ता ने उठाए गए प्रश्नों को सामने लाया कि क्या अश्विन एकमात्र दोषी थे? जिस प्रकार से पहले दिन ही रविंद्र जडेजा को पिच के संरक्षित क्षेत्र में दौड़ने के लिए चेतावनी दी गई थी, वैसे ही जब उन्होंने दूसरी बार यह किया, तो अंपायर ने पहली और आखिरी चेतावनी दी गई। यह चेतावनी पहली पारी में पूरी भारतीय टीम के लिए थी। जब अश्विन ने इसे मैच के दूसरे दिन फिर से किया, तो अंपायर ने भारत पर पांच रनों का जुर्माना लगा दिया।
पिच के बीच से दौड़ना अनफेयर प्ले के दायरे में आता है और इसे एमसीसी कानून 41.14 में शामिल किया गया है। इस नियम का उद्देश्य पिच के एक विशिष्ट क्षेत्र को सुरक्षित रखना है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के क्षति का प्रयास करना माना जाता है और इसके लिए यदि कोई गलती होती है, तो उस पर दंड लगता है।
इस प्रकार का दौड़ना खेल की ईमानदारी और नैतिकता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है और इसकी चर्चा ने खेल में नियमों के पालन की महत्वपूर्णता को उजागर किया। यह घटना ने खेल में और भी दरारें डाल दी है और भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज को और भी रोचक बना दिया है।