नयी दिल्ली,.... मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव को लेकर विवाद खड़ा करने वालों को मंगलवार को एकबार और करारा तथा विस्तृत जबाव देते हुये भारत की चुनाव प्रक्रिया को विश्व की सबसे साफ-सुथरी और सुव्यवस्थित तथा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को हैकिंग-प्रूफ बताया।
श्री कुमार ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये, अपने प्रारंभिक व्यक्तव्य में कहा कि वह 'अपने इस आखिरी संवाददाता सम्मेलन में' सबसे पहले चुनावों को लेकर बार-बार फैलाये जाने वाले नैरेटिव (मनगढ़ंत बातों) का एकबार फिर स्पष्टीकरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के एक के बाद एक कई फैसलों में स्पष्ट कहा गया है कि भारत में प्रयोग की जाने वाली 'ईवीएम मशीनों को हैक नहीं किया जा सकता। इनमें रिगिंग (गड़बड़ी) संभव नहीं है और इसमें ऐसा कोई वायरस भी नहीं डाला जा सकता, जिससे कि मतदान के परिणाम प्रभावित किये जा सकते हों।'
19 फरवरी, 1960 को जन्मे और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ने श्री राजीव कुमार 15 मई 2022 को देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद ग्रहण किया। यह नियुक्त छह वर्ष या 65 साल की आयु पूरे होने में जो भी पहले हो उस अवधि तक के लिये की जाती है। इस तरह, श्री कुमार 19 फरवरी, 2025 को, 65 वर्ष के हो रहे हैं।
श्री कुमार ने कहा, “दुनिया में किसी देश के चुनाव प्राधिकरण को देख लें। भारत के निर्वाचन आयोग जितना ग्रेनुलर डाटा (बारीक जानकारी) कोई और प्राधिकरण सार्वजनिक रूप से जारी नहीं करता है।” श्री कुमार के साथ संवाददाता सम्मेलन में सहयोगी चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू भी थे।
उन्होंने ऐसे कहानियां फैलाने वालों से अपील की, “कृपया, झूठ के गुब्बारे न उड़ाएं, इससे केवल भ्रम ही पैदा होता है और इसका असर युवा मतदाताओं पर पड़ता है। वे वोट डालने के प्रति हतोत्साहित होते हैं।”
उन्होंने मतदाता सूचियों, मतदान के प्रतिशत और ईवीएम को लेकर बार-बार उठाये जाने वाले सवालों को राजनीति के लिये गढ़ी और फैलायी जाने वाली कहानी करार देते हुये कहा कि आयोग बार-बार अपनी चुनावी व्यवस्था और प्रक्रियाओं का विस्तृत विवरण दे चुका है तथा इस पूरी व्यवस्था को उसकी वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
उन्होंने एक शायराना अंदाज में कहा कि लोग हमारी वफाई को जानते हैं, फिर भी सवाल उठाते रहते हैं। श्री कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल उठाना व्यवस्था का हिस्सा है, उसका जबाव देना हमारा कर्तव्य है, पर सवाल ठोस होने चाहिए। उन्होंने मतगणना या ईवीएम में गड़बड़ी के बारे में फैलायी जाने वाली बातों का ग्राफिक विवरण के साथ जबाव देते हुये कहा कि पिछले 2020 से अब तक 30 राज्यों में चुनाव कराये जा चुके हैं, जिनमें 15 राज्यों में अलग-अलग पार्टियां सबसे बड़ा दल बनकर उभरी हैं।
श्री कुमार ने कहा, “यह अपने आप में हमारी लोकतंत्रिक व्यवस्था और चुनावी प्रक्रिया की खूबसूरती की झलक है।” उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम के आधार पर चुनाव प्रक्रिया की आलोचना नहीं की जा सकती है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मतदाता सूचियों में लोगों के नाम काटे जाने के बारे में बार-बार शोर उठता है। इस समय भी इस तरह का शोर (दिल्ली में) सुनाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि 'फॉर्म-7' के भरे बिना किसी मृतक का नाम भी सूची से बाहर नहीं निकाला जाता। मतदाता सूची तैयार करने में 70 चरण अपनाये जाते हैं और हर चरण में प्रत्याशी और पार्टियों को साथ रखा जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी सूची में दो प्रतिशत से अधिक नाम कटने पर सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) वहां खुद जाकर जांच करते हैं।
उन्होंने ईवीएम के बारे में आलोचनाओं को खारिज करते हुये कहा कि मशीनों को मतदान के साथ आठ दिन पहले चालू करने से लेकर गिनती के दिन तक प्रत्याशियों के समक्ष सील लगाने और सील खोलने की प्रक्रियाओं का विस्तार से वर्णन दोहराया। श्री कुमार ने शाम छह बजे के बाद मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी की शिकायतों के बारे में कहा कि छह बजे चुनाव खत्म हो और सवा छह बजे मतदान के आंकड़े जारी कर दिये जाएं, यह संभव नहीं है क्योंकि हर मतदान केन्द्र पर चुनाव अधिकारियों को 'फार्म-17सी' तैयार कर, वहीं प्रत्येक प्रत्याशी के एजेंट को देना होता है। यह हर मतदान केन्द्र पर पड़े वोट का लिखित लेखा-जोखा होता है, जो हर प्रत्याशी के पास होता है। इससे मतगणना के दिन खुले वोटों का मिलान भी होता है। उन्होंने कहा कि आयोग अब रात के 11 से 11:30 बजे तक वोट के अंतिम आंकड़े जारी करने के लिये प्रेस रिलीज जारी करता है।
श्री कुमार ने कहा कि समय का यह अंतर केवल और केवल प्रक्रियागत है।
मुख्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, अब तक कुल 67 हजार ईवीएम मशीनों की 4.5 करोड़ वीवीपैट की पर्चियों का मिलान किया गया है और इनमें एक भी गडबड़ी नहीं पायी गयी है।
श्री कुमार ने यह भी बताया कि भारत में मतदाताओं की संख्या 99 करोड़ तक पहुंची गयी है और हम जल्द ही एक अरब मतदाताओं का देश बन जाएंगे।
उन्होंने राजनैतिक कार्यकर्ताओं से शालीन आचरण करने और चुनाव अधिकारियों पर दबाव न डालने की अपील की है।
श्री कुमार ने स्टार प्रचारकों और वरिष्ठ नेताओं से भी प्रचार के दौरान वाणी में संयम बरतने की अपील करते हुये कहा कि आयोग उल्लंघन पर बहुत शक्ति करेगा।
उन्होंने दिल्ली के मतदाताओं से पांच फरवरी को चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील करते हुये कहा, “लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ाते रहे, बहुत सुंदर बगिया है, इसे सजाते रहें।”