नयी दिल्ली, 21 जून .... कृषि श्रमिकों संबंधी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आरएल) पर आधारित मुद्रास्फीति की मई, 2023 में सालाना आधार पर क्रमश: 5.99 प्रतिशत और 5.84 प्रतिशत रही।
अप्रैल, 2023 में कृषि श्रमिकों संबंधी खुदरा महंगाई दर 6.50 प्रतिशत और ग्रामीण श्रमिकों संबंधी खुदरा महंगाई सालाना आधार पर 6.52 प्रतिशत थी। पिछले वर्ष मई महीने के दौरान ये आंकड़े क्रमशः 6.67 प्रतिशत और 7.00 प्रतिशत थे।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति मई, 2023 में 6.31 प्रतिशत और 6.07 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल, 2023 में क्रमशः 6.67 प्रतिशत और 6.52 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 5.44 प्रतिशत और 5.51 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार “ कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार: 1986-87 = 100) मई, 2023 के महीने में 6 अंकों की वृद्धि के साथ 1186 ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 5 अंकों की वृद्धि हुई के साथ 1197 अंक पह पहुंच गया।’इन सूचकांकों में इस वृद्धि में क्रमश: 5.29 और 4.72 अंक की वृद्धिखाद्य वस्तुओं की महंगाई के कारण रही। इसमें मुख्य रूप से चावल, दाल, दूध, बकरी का मांस, सूखी मिर्च, लहसुन, अदरक, सब्जियां और फल आदिकी कीमतों में वृद्धि का बड़ा प्रभाव रहा।
कृषि श्रमिकों के मामले में, 11 राज्यों में सूचकांक में 2 से 17 अंक की वृद्धि दर्ज की गई और 8 राज्यों में 1 से 5 अंक की कमी दर्ज की गई, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य में यह स्थिर रही। तमिलनाडु 1371 अंकों के साथ सूचकांक तालिका में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 918 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
ग्रामीण श्रमिकों के मामले में, 12 राज्यों में सूचकांक में 1 से 17 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और 7 राज्यों में 1 से 5 अंकों की कमी दर्ज की गई जबकि केरल राज्य के लिए यह स्थिर रहा। तमिलनाडु 1360 अंकों के साथ सूचकांक की तालिका में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 968 अंकों के साथ सबसे नीचे है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्यों के बीच, कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों दोनों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम वृद्धि आंध्र प्रदेश राज्य (17 अंक प्रत्येक) में रही। वहां मुख्य रूप से चावल, ज्वार, रागी, दाल, हरी/सूखी मिर्च , प्याज , सब्जियों और फलों की कीमतों में वृद्धि के कारण सूचकांक बढ़ा। इसके विपरीत, कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम पांच अंक की कमी असम राज्य में और ग्रामीण मजदूरों के लिए ओडिशा राज्य में पांच अंक की कमी रही। इसमें मुख्य रूप से चावल, रागी, सरसों-तेल, ताज़ी मछली, प्याज़, हरी मिर्च आदि की कीमतों में गिरावट की भूमिका रही।