श्रीनगर, 16 सितंबर
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सेना का तलाश अभियान शनिवार को चौथे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों और सेना तथा पुलिस अधिकारियों के बीच मुठभेड में सेना के दो शीर्ष अधिकारियों और एक पुलिस अधिकारी की मौत के पीछे जिन आतंकवादियों का हाथ था वे अभी भी वन क्षेत्र में छिपे हुए हैं। सेना का आज गडोले कोकेरनाग के जंगलों में तलाश अभियान फिर से शुरू होने पर उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उस क्षेत्र का दौरा कर अभियान परिचालन स्थिति की समीक्षा की।
सेना ने यहां जारी बयान में कहा, “उन्हें ग्राउंड कमांडरों ने उच्च तीव्रता वाले अभियान के बारे में जानकारी दी है। अभियान में निगरानी और गोलाबारी के वितरण के लिए उच्च तकनीक वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही बलों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सटीक गोलीबारी उच्च प्रभाव के बारे में भी बताया गया। बयान में बताया गया है कि सुरक्षा बल गडोले कोकेरनाग के जंगलों में आतंकवादी ठिकाने का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज इलाके से रुक-रुक कर गोलीबारी और धमाकों की आवाजें सुनी गईं। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बल जंगल में छिपे हुए आतंकवादियों की तलाश कर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों का खात्मा करने के लिए मोर्टार और आरपीजी का इस्तेमाल किया है। ड्रोन के फुटेज में सुरक्षा बल की कार्रवाई में एक संदिग्ध ठिकाने को नष्ट होते दिखाया गया है। फुटेज के एक अन्य हिस्से में एक आतंकवादी के ठिकाने पर गोले दागने पर उसे वहां से भागते हुए देखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि अभियान में समय इसलिए लग रहा है क्योंकि इलाका दुर्गम, चुनौतीपूर्ण है और सुरक्षा बल हर कदम पर अतिरिक्त सावधानी बरत रहे है।
शुक्रवार देर रात कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा, “सभी दो-तीन फंसे हुए आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा। उल्लेखनीय है कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक (डीएसपी) मुजम्मिल हुमायूं सहित पांच जवान शहीद हो गये थे। सुरक्षा बल आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी से लैस ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके ठिकानों पर मोर्टार दाग रहे हैं।