नयी दिल्ली, 20 सितंबर
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक नई याचिका दायर करके कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को कावेरी नदी का पानी छोड़ने के अपने आदेशों पर पुनर्विचार करने का निर्देश देने की गुहार लगाई। याचिका में दावा किया गया है कि पानी छोड़ने का ये आदेश विकृत, अवैध और रद्द किए जाने योग्य है। अपनी याचिका में राज्य सरकार ने आदेश को 'अन्यायपूर्ण और विकृत' बताते हुए 27 सितंबर तक 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के 18 सितंबर के आदेश सहित सभी आदेशों पर पुनर्विचार करने का निर्देश देने अनुरोध किया है।
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अब तक कम वर्षा होने का हवाला दिया और कहा कि उसने सीडब्ल्यूएमए द्वारा अपने पिछले तीन निर्देशों केअनुसार 19,404 क्यूसेक अधिक सुनिश्चित किया है। नई याचिका में राज्य सरकार ने दलील दी है कि एक जून 2023 से 18 सितंबर 2023 तक कर्नाटक के चार जलाशयों में संचयी प्रवाह 110.875 टीएमसी है, जबकि पिछले 30 वर्षों का औसत 238.055 टीएमसी रहा है। याचिका में अदालत से मामले को वापस सीडब्ल्यूएमए और कावेरी जल नियामक प्राधिकरण को सौंपने का अनुरोध किया गया है।