चंडीगढ़, 23 सितम्बर
पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने शनिवार को बताया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुयी फसलों के मुआवज़े के तौर पर 23 सितम्बर तक 119 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि किसानों के बैंक खातों में डाली जा चुकी है। इसके अतिरिक्त धान की ख़राब हुई पनीरी और अन्य फसलों के नुकसान के लिए किसानों को राहत राशि के तौर पर देने के लिए 188 करोड़ 62 लाख 63 हज़ार रुपए की राशि राजस्व विभाग को जारी की थी।
जिम्पा ने बताया कि यह पहली बार है जब कोई सरकार धान की ख़राब हुई पनीरी के लिए प्रति एकड़ 6800 रुपए मुआवज़ा राशि दे रही है। उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में बाढ़ के खतरे की रिपोर्टें मिलते ही 33.50 करोड़ रुपए अग्रिम राहत के तौर पर जारी कर दिए गए थे। इसके बाद समय-समय पर प्रभावित जिलों को राहत राशि जारी होती रही है। आपदा प्रबंधन मंत्री ने बताया कि सभी उपायुक्तों को पहले ही हिदायतें जारी की जा चुकी है कि राहत राशि हकदार किसानों को पूरी पारदर्शी और परेशानी रहित वितरित की जाये। इसके इलावा मुआवज़ा देने सम्बन्धी कोई सिफ़ारिश या प्रभावशाली लोगों का पक्ष न लिया जाये और सिर्फ़ सही व्यक्ति को मेरिट के आधार पर मुआवज़ा दिया जाये।
उपायुक्त ने गिरदावरी रिपोर्टों के हिसाब से किसानों को राहत राशि दे रहे हैं। अलग-अलग जिलों से मिलीं रिपोर्टों अनुसार पटियाला ज़िले के प्रभावित किसानों के बैंक खातों में अब तक 49 करोड़ 73 लाख रुपए की मुआवज़ा राशि डाली जा चुकी है। संगरूर ज़िले के किसानों को 15 करोड़ 56 लाख रुपए, फ़िरोज़पुर में 10 करोड़ 27 लाख रुपए, जालंधर में 8 करोड़ 24 लाख रुपए, तरन तारन में 15 करोड़ 2 लाख रुपए, मानसा में 6 करोड़ 46 लाख रुपए, फाजिल्का में 10 करोड़ 27 लाख रुपए और फतेहगढ़ साहिब ज़िले के किसानों के बैंक खातों में 1 करोड़ 39 लाख रुपए मुआवज़ा राशि डाली जा चुकी है।
जिम्पा ने कहा कि पंजाब सरकार के पास राहत राशि के लिए धन की कोई कमी नहीं है। राज्य के आपदा प्रबंधन के लिए स्थापित किये रिलीफ फंड में काफ़ी पैसा पड़ा है , लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से नियमों में कोई ढील न दिये जाने के कारण सिर्फ़ उतनी राशि ही प्रभावित किसानों को दी जा रही है , जितनी केंद्र सरकार के नियम अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस संबंधी केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आयी है।