नयी दिल्ली । हिन्द प्रशांत देशों के सेना प्रमुखों ने खुले और समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र की पुरजोर वकालत करते हुए इस क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की है।
भारत और अमरीका की सेनाओं ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के सेना प्रमुखों के 13 वें द्विवार्षिक सम्मेलन की यहां संयुक्त रूप से मेजबानी की थी। सोमवार को शुरू हुआ यह सम्मेलन बुधवार को संपन्न हो गया। सम्मेलन के दौरान विभिन्न मंचों तथा सत्रों में हिन्द प्रशांत क्षेत्र पर व्यापक चर्चा हुई और इसमें सभी देशों ने नियमों पर आधारित व्यवस्था वाले खुले और समावेशी हिन्द प्रशांत की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न स्तर पर विविधता देखने को मिलती है। सभी ने क्षेत्र की चुनौतियों का मिलकर समाधान करने की दिशा में प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की।
सम्मेलन में 30 देशों ने हिस्सा लिया जिनमें 18 देशों के सेना प्रमुख और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के प्रयासों पर चर्चा के साथ-साथ सुरक्षा और आपसी हित के समसामयिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दिया और हिन्द प्रशांत क्षेत्र की जटिल चुनौतियों से मिलकर निपटने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे समृद्ध , सुरक्षित और समावेशी भविष्य को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
सभी 30 देशों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को यहां राष्ट्रीय युद्ध समारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।