मुंबई । विश्व बाजार के कमजोर रुख के दबाव में स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली से बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट झेल चुके घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह वैश्विक रुख और कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजों से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 885.12 अंक अर्थात 1.34 प्रतिशत का गोता लगाकर सप्ताहांत पर 65397.62 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 208.4 अंक यानी 1.06 प्रतिशत की गिरावट लेकर 19542.65 अंक पर रहा गया।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में मिलाजुला रुख रहा। मिडकैप 424.76 अंक लुढ़ककर सप्ताहांत पर 31880.86 अंक पर आ गया जबकि स्मॉलकैप 13.89 अंक की मामूली बढ़त के साथ 38198.72 अंक पर पहुंचा।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवले के निकट भविष्य में ब्याज दरों में कमी नहीं आने के संकेत ने बीते सप्ताह वैश्विक निवेश धारणा को प्रभावित किया। साथ ही इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष का भी बाजार पर असर रहा। अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ कच्चे तेल की कीमत, डॉलर इंडेक्स और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर बाजार की नजर रहेगी।
एफआईआई ने अक्टूबर में अबतक 13,411.72 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। हालांकि इस अवधि में घरेलू निवेशकों 11,883.80 करोड़ रुपये की लिवाली ने बाजार का संतुलन बनाए रखा है।
स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह रिलांयस इंडस्ट्रीज, मारुति, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, पीएनबी, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, एसीसी, बजाज फिनसर्व, डॉ. रेड्डीज, बीपीसीएल और यूनियन बैंक समेत कई दिग्गज कंपनियों के वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। इस पर बाजार की नजर रहेगी।